पुष्कर के 114 पुराने भवनों का प्राचीन स्वरूप लौटाने के लिए हृदय योजना को पूरा करने में मात्र पांच माह ही शेष बचे है, लेकिन योजनान्तर्गत सूचीबद्ध 114 भवनों में से मापुष्करत्र 5 भवन का काम ही पूरा हुआ है। कार्य की धीमी गति के चलते योजना मूर्त रूप नहीं ले पा रही है।
सरकार की ओर से हृदय योजनान्तर्गत तीर्थराज पुष्कर में 6 करोड़ 10 लाख रुपए का बजट स्वीकृत किया गया। इसमे पुरातात्विक स्तर के 114 भवनों को पुराने स्वरूप में लाना तय किया था। कार्य को जुलाई 2017 में पूरा करने का समय दिया गया था। लेकिन आज तक मात्र पांच भवनों का काम ही हुआ है।
शेष बचे पांच माह में 109 भवनों को उनके पुरातात्विक स्वरूप में लाने का काम टेढ़ा नजर आ रहा है। लौटेगा पुराना स्वरूप योजना में सूचीबद्ध 114 भवनों को उनके पुराने स्वरूप में लाने के लिए भवनों की जर्जरता को ईटें व चूना के सम्मिश्रण से भरकर उन पर कलर किया जाना है, ताकि पुराना स्वरूप लौट आए।
अब तक कराए कार्यों में श्री यादे प्रजापति समाज के मंदिर एवं उनके पास के तीन भवनों व मंदिरों के आगे के भाग का पुनरोद्धार किया गया है। वर्तमान में पं. कैलाशनाथ दाधीच के प्राचीन रघुनाथ शाह मंदिर एवं उसी के पास बने राधा-कृष्ण मंदिर के पुनरोद्धार का काम चल रहा है।
इन भवनों की दीवारों व द्वार के आगे के भाग को संरक्षित किया जा रहा है। ब्रह्मा मंदिर के सामने बनेगी पत्थर की सड़क हृदय योजना के तहत ब्रह्मा मंदिर के सामने की सीढिय़ों से लेकर मुख्य बाजार एवं राजपूत सेवा सदन तक दोनों मार्गों पर तीन सौ मीटर लम्बाई तक जोधपुर के पत्थरों से सड़क बनेगी।
इनका कहना है पुष्कर में 6 करोड़ 10 लाख रुपए की हृदय योजनान्तर्गत 114 भवन सूचीबद्ध किए हैं। अब तक पांच भवनों को पुराने स्वरुप में लाने का काम किया जा चुका है। योजना में 114 भवनों का काम जुलाई 2017 तक पूरा किया जाना है। काम की निश्चित तौर पर स्पीड़ तेज की जाएगी। राजेश कुमार मोदी, परियोजना निदेशक, हृदय योजना।