बीएमएस नेताओं ने वेकोलि मुख्यालय पाथाखेड़ा के सामने किया प्रदर्शन

सौंपा चौथे चरण के आंदोलन का नोटिस

<p>बीएमएस नेताओं ने वेकोलि मुख्यालय पाथाखेड़ा के सामने किया प्रदर्शन</p>
सारनी. कोयला समेत अन्य उद्योगों में कार्यरत मजदूरों की 7 सूत्रीय मांगों के समर्थन में मंगलवार को भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने वेकोलि पाथाखेड़ा के मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय के सामने धरना, प्रदर्शन कर चौथे चरण के आंदोलन का नोटिस सौंपा। इससे पहले जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन और 7 से 10 सितंबर तक पाथाखेड़ा क्षेत्र की खदानों पर बीएमएस ने द्वारसभा कर कामगारों को प्रबंधन की तानाशाही से अवगत कराया। आंदोलन का यह निर्णय अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ द्वारा नागपुर की बैठक में लिया था। चौथे चरण के आंदोलन में भारतीय मजदूर संघ द्वारा कोल परिवहन रोकने आंदोलन किया जाएगा। प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपने वालों में यूनियन के महामंत्री अशोक मालवीय, अध्यक्ष प्रकाशराव, रणधीर सिंह ठाकुर, अवधेश सिन्हा, निर्दिश सिंह, बिजेंद्र सिंह, प्रमोद सिंह, केआर पारखे, सुदामा सिंह, राकेश सिंह, राधेश्याम, विजय मिश्रा, अंशुमान सिंह, प्रकाश नागले, श्रीकेश पटेल, लक्षमण अधिरक, मनोज तायड़े, जीआर साबले, गणेश चौरे शामिल है। भूमिगत खदान को बंद करने के प्रस्तावों पर विराम लगाया जाए।
संगठन की प्रमुख मांगें: फिक्सड टर्म एम्प्लायमेंट वापस लिया जाए। कमर्शियल माइनिंग के इश्यू पर मंत्रालय स्तर पर हुई वार्ता के निर्णय अनुसार प्रावधान निश्चित करने के लिए कमेटी गठित कमेटी की बैठक में अविलंब कार्रवाई की जाए। कास्ट कट के नाम पर रेवेन्यू बजट में की गई कटौती को अविलंब वापस लिया जाए। कोयला उद्योग में कार्यरत रिटायर कर्मियों को भारत सरकार के कार्मिक मंत्रालय के आदेशानुसार 20 लाख रुपए ग्रेच्युटी दिया जाए। जेबीसीसीआई-10 में तय निर्णय के अनुसार कैरियर ग्रोथ के संबंध में अविलंब बैठकें कर उचित निर्धारण किया जाए। आश्रितों को रोजगार व भू अर्जन के तहत नौकरी कर्मचारियों को उनके क्वालिफिकेशन के अनुसार पदस्थापन किया जाए। माइनिंग एक्टिविटीज में लगे ठेका मजदूरों के वेतन का पुनरीक्षण किया जाए। सुपर वाइजरों को मिलने वाले चार्ज अलाउंस को ओटी सीलिंग की परिधि से अलग कर भुगतान सुनिश्चित किया जाए। भूमिगत खदान को बंद करने के प्रस्तावों पर विराम लगाया जाए।
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