बेगूसराय में कोरोना के भय से दहशत में जी रहे ग्रामीण, जनता को राहत की दरकार

Bihar News कोरोना प्रभावित जिला होने के चलते लॉकडाउन का कड़ाई से पालन करने में प्रशासनिक महकमा पूरी तरह सख्ती कर रहा है…

<p>बेगूसराय में कोरोना के भय से दहशत में जी रहे ग्रामीण, जनता को राहत की दरकार</p>

बेगूसराय: कोरोना के नौ मरीजों के साथ समूचे बेगूसराय क्षेत्र के लोग दहशत में जीने पर विवश हैं। यह अच्छी बात है कि संक्रमित मरीजों की संख्या नियंत्रण में है और इनमें से अधिकतर मरीज क्वारंटाइन में स्वस्थ हो रहे हैं। बेगूसराय क्षेत्र में जमातियों के चलते कोरोना संक्रमण की चेन बढ़ने की आशंकाओं से लोग ज्यादा सहमे हुए हैं। मंझोलियाके एक ग्रामीण रत्नेश्वर सिंह कहते हैं कि हमलोग सभी तरह से बचाव के उपाय कर रहे हैं। लेकिन बाहरी लोग हमारे लिए खतरे का कारण बन सकते हैं।

 

मटिहानी में कई परिवारों को राशन नहीं

राज्य सरकार कोरोना संक्रमण के खतरों के बीच जनता को भरसक राहत सामग्री उपलब्ध करा रही है। राशन कार्ड धारकों को तीन महीनों का राशन इकट्ठा मिल रहा है। सामाजिक पेंशनधारियों के बैंक खातों में भी तीन माह के पेंशन की राशि जमा की जा रही है। लेकिन ऐसे लोगों की संख्या भी कम नहीं जिनके राशनकार्ड नहीं हैं। ऐसे लोगों के नये राशन कार्ड बनाने का अभियान भी सरकार चला रही है। पर लाचार और असहाय परिवारों को इन सबसे वंचित रहना पड़ रहा है। भगौरा गांव के टोले में ऐसे दर्जन भर परिवार हैं जिनके पास राशनकार्ड नहीं हैं। इन्हें पूछने वाला कोई नहीं। इनके लिए बड़ी समस्या यही है।लाछो देवी कहती हैं,कमाई नंय होई छै।काम-धाम बंदे छै। राशन नैन भेंटाई छै। परवतिया देवी कहती हैं,सरकार राशन बांटतै त हमरा हमें के की छै।राशनो कारगर नंय बनल छै।

 

प्रशासन की सख्ती से बुरा हाल

कोरोना प्रभावित जिला होने के चलते लॉकडाउन का कड़ाई से पालन करने में प्रशासनिक महकमा पूरी तरह सख्ती कर रहा है। जिले की सील सीमाओं के बीच घरों में दुबके लोगों को काम की ज़रूरत है मगर हाथों को कोई काम नहीं हम मिल पा रहा। ऐसी हालत में बहुतों को भुखमरी की नौबत आ चुकी हे। रोज कमाकर खाने वाला जीतने साहनी की मानें तो आने वाले दिनों में परिवार की लाचारी और विपन्नता खतरनाक बन जाएगी।

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