ब्यावर

फोटो- दादा ने दिया पोती को नया जीवन, इलाज के लिए बेच दिया मकान

पोती की किडनी देकर पेश की मिसाल, ब्यावर में शनि मंदिर के महंत है दादा

ब्यावरApr 15, 2021 / 09:55 pm

Bhagwat

फोटो- दादा ने दिया पोती को नया जीवन, इलाज के लिए बेच दिया मकान

ब्यावर. किसी कवि ने लिखा है कि जीने का बहाना ढूंढती हूं, मैं घर में ही आशियाना ढूंढती हूं, कद्र करे जो मेरी दिल से सच्ची, आज तक मैं वो जमाना ढूंढती हूं…Ó बेटियों के दर्द को दर्शाती ऐसी न जाने कितनी ही कविताएं लिखी गईं। लेकिन बेटी की पीड़ा को देखकर जब कोई दादा अपनी किडनी देने को तैयार हो जाता है तो इन कविताओं पर दादा का वो प्यार इतना भारी हो जाता है कि इसका न मोल होता है ना ही कोई आकलन। बेटे की चाहत में आज भी समाज में भ्रूण हत्या के मामले सामने आते हैं। उन्हें कई जगह अब भी बेटों से बराबरी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। आधी आबादीÓ की ऐसी ही दर्द भरी दास्तांÓ के बीच ब्यावर में दादा के पोती को नवजीवनÓ देने की सुखद कहानी समाज के लिए प्रेरणादायक है। इसमें एक व्यक्ति ने अपनी पोती को किडनी दान देकर न सिर्फ उसकी जिंदगी बचाई बल्कि उसके इलाज के लिए मकान तक बेच दिया। और पोती को उपचार के लिए ले जाने में कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए कार की व्यवस्था भी की। अब पोती और दादा दोनों स्वस्थ हैं। किडनी दान करने वाले बुजुर्ग का कहना है कि बेटियों को खूब पढ़ाएं, आगे बढ़ाएं, शिक्षित बेटियां एक दिन देश को आगे बढ़ाएंगी। बेटियां हंसती-हंसती आती हैं और मन को जो सुकून व संतोष देती हैं वो जमाने में कहीं नहीं मिलता ।चांग चितार रोड निवासी अम्बालाल जोशी शनि मंदिर के पुजारी है। उनके दो बेट है। बडे बेटे कमलेश के तीन बेटिया एवं एक बेटा है। बडी बेटी राधिका शर्मा दसवी कक्षा में पढ़ती है। उसके पिछले करीब चार साल से किडनी की समस्या चल रही है। राधिका को बुखार आता तो उतरता ही नहीं था। इस परेशानी को लेकर राधिका की जांच करवाई तो पता चला कि उसकी किडनी खराब है। किडनी खराब होने पर दादा अम्बालाल ने अलग-अलग जगह पोती राधिका का उपचार कराया। नियमित रूप से डायलिसिस भी करवाते रहे। बाद में जोधपुर में एक निजी चिकित्सालय में जांच कराई तो सामने आया कि दोनों ही किडनी खराब हो चुकी हैं। इस पर दादा अंबालाल उसे अहमदाबाद के एक निजी चिकित्सालय ले गए। यहां चिकित्सक ने कहा कि उसकी किडनी बदलनी होगी। यह सुनते ही एक बार तो परिवार की चिंता बढ़ गई। इस दौरान परिस्थितियों को संभालते हुए दादा अंबालाल चिकित्सक से बोले कि मैं किडनी को देने तैयार हूं, आप तो इसको तैयार कीजिएÓ। उपचार पर आने वाले मोटे खर्च को देखते हुए उन्होंने अपना एक मकान बेच दिया। पोती को अस्पताल लाने ले जाने में परेशानी नहीं हो। इसके लिए कार भी ले ली। राधिका के खर्च पर करीब 12-13 लाख रुपए खर्च आए लेकिन परिवार ने हर परिस्थिति का सामना किया। अब राधिका स्वस्थ है एवं किडनी देने वाले दादा के स्वास्थ्य में भी सुधार है।
नहीं हारी हिम्मत
अंबालाल जोशी ने बताया कि राधिका की तबीयत ज्यादा खराब होने पर जोधपुर लेकर गए। वहां उसकी पल्स बिल्कुल गिर गई एवं बेहोश हो गई। सब परिजन रोने लग गए। इस दौरान चिकित्सकों ने प्रयास जारी रखे। कुछ देर में उसे होश आ गया। इसके बाद उसे अहमदाबाद लेकर गए, जहां ऑपरेशन कराया गया।
हर व्यक्ति को मिले योजना का लाभ
अंबालाल जोशी ने बताया कि भाजपा मंडल अध्यक्ष रामावतार लाटा व महामंत्री प्रमोद शर्मा ने पोती की बीमारी को लेकर सांसद दीयाकुमारी से मिलवाया। उन्होंने प्रयास कर साढ़े तीन लाख रुपए स्वीकृत करवाए। इसके अलावा विधायक शंकरसिंह रावत ने भी प्रयास कर करीब डेढ़ लाख की स्वीकृति जारी कराई। लेकिन जिस अस्पताल में ऑपरेशन किया गया, वो चिकित्सा विभाग की गाइड लाइन के दायरे में नहीं आने से स्वीकृत राशि नहीं मिल सकी। उनका कहना है कि गंभीर बीमारी के उपचार वाले प्रकरणों में सरकार की गाइड लाइन सरल व सहज होनी चाहिए, ताकि हर जरूरतमंद को योजना का लाभ मिल सके। स्वीकृत राशि भी नियमों में राहत देकर उपलब्ध करानी चाहिए, ताकि उपचार के लिए आगे उन्हें समस्या नहीं आए। उन्होंने भी उनकी पोती के लिए स्वीकृत हुई राशि को परिस्थितियों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए दिलवाने की मांग की है।

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