एक थाने के भरोसे चार लाख की आबादी

शहर थाना वर्ष 1912 से संचालित, 1916 में बना शहर थाना पुलिस का भवन, एक सदी में आबादी बढ़ी लेकिन सृजित नहीं हो सका नया थाना, 13 साल से प्रस्ताव फाइलों में, नहीं मिली मंजूरी

<p>एक थाने के भरोसे चार लाख की आबादी</p>
ब्यावर. शहर की आबादी करीब चार लाख के पास पहुंच गई है। करीब चार सौ कॉलानियां विकसित हो चुकी है। शहर में कानून व्यवस्था का जिम्मा एक थाने के भरोसे ही है। यह व्यवस्था आज से नहीं करीब एक शताब्दी से ऐसी ही चली आ रही है। वर्ष 1912 से शहर में थाना संचालित है। इसके भवन का निर्माण 1916 में हुआ। थाने का संचालन आजादी के पहले से हो रहा है। एक सदी में शहर की आबादी व यातायात का दबाव भी बढ़ा तो अपराध के ग्राफ में भी इजाफा हुआ। इसके बावजूद व्यवस्था व मांग के अनुरुप नया थाना नहीं मिल सका। अजमेर रोड बाइपास से लेकर केसरपुरा रोड बाइपास तक, सेंदडा मार्ग पर सराधना से लेकर मसूदा रोड बाइपास तक शहर का विस्तार हो गया। जबकि सराधना से पाली जिले की सीमा शुरु हो जाती है। शहर का तेजी विस्तार हुआ लेकिन आबादी के अनुरुप नए थाने का सृजन नहीं हो सका। यहीं कारण है कि शहर थाने पर पूरे शहर का दबाव है। इस दबाव को कम करने के लिए वर्ष 2007-08 में साकेतनगर नए थाने का प्रस्ताव भिजवाया गया। इस प्रस्ताव को अब तक अनुमति नहीं मिल सकी है। जबकि शहर की आबादी व विस्तार को देखते हुए यहां पर सीओ कार्यालय में अधिकांशत: आईपीएस अधिकारी ही लगाए जाते है।दो थानों को भिजवाया प्रस्तावशहर की बढ़ती आबादी व यातायात के दबाव को देखते हुए पुलिस प्रशासन की ओर से दो नए थानों का प्रस्ताव भिजवाया गया। इनमें साकेतनगर थाना पुलिस का प्रस्ताव करीब 13 साल से प्रस्तावित है। अब तक इसको अनुमति नहीं मिल सकी है। इसके अलावा शहर में एक यातायात थाने का प्रस्ताव भी करीब सात साल पहले भिजवाया। इन दोनों ही प्रस्तावों को अब तक अनुमति नहीं मिल सकी है।
शहर में कुल सात पुलिस चौकी

शहर थाना क्षेत्र में कुल सात पुलिस चौकी है। इनमें चांगगेट, मेवाडी गेट, सुरजपोल गेट, रेल पुलिस चौकी, कसावान मोहल्ला पुलिस चौकी, साकेतनगर पुलिस चौकी एवं अमृतकौर पुलिस चौकी सालों से चल रही है।
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