Botulinum toxin therapy: चेहरे की झुर्रियां हटाने के लिए कारगर है बॉटुलिनम टॉक्सिन थैरेपी, जानें इसके बारे में

Botulinum toxin therapy: लकवाग्रस्त मांसपेशियों को ठीक करने व झुर्रियां दूर करने में यह थैरेपी खासतौर पर प्रयोग में ली जाती है।

<p>Botulinum toxin therapy: लकवाग्रस्त मांसपेशियों को ठीक करने व झुर्रियां दूर करने में यह थैरेपी खासतौर पर प्रयोग में ली जाती है।</p>

Botulinum toxin therapy: मूवमेंट डिसऑर्डर, लंबे समय तक सिरदर्द, गर्दन या कमरदर्द, ब्यूटी ट्रीटमेंट जैसे चेहरे पर झुर्रियां हटाने आदि के लिए बॉटुलिनम टॉक्सिन का इस्तेमाल करते हैं। इसे बॉटुलिनम टॉक्सिन इंजेक्शन थैरेपी भी कहते हैं। मांसपेशियों में मूवमेंट डिसऑर्डर जैसे पलकों का लगातार बंद रहना, चेहरे की एक तरह की मांसपेशियों का फड़कना, गर्दन का एक तरफ मुड़ना या झुक जाना, लकवे के बाद मांसपेशियों में कड़ापन आदि में यह थैरेपी कारगर है। इसके अलावा बच्चों में सेरेब्रल पाल्सी व ओवरएक्टिव ब्लैडर (यूरिन की थैली पर नियंत्रण न होने से यूरिन निकल जाना) की परेशानी में भी इस थैरेपी से उपचार किया जाता है। जानें इसके बारे में-

क्या है बॉटुलिनम टॉक्सिन और कैसे काम करती है दवा ?
बॉटुलिनम टॉक्सिन क्लॉस्ट्रीडियम बॉटुलिनम बैक्टीरिया द्वारा बनाया जाने वाला एक न्यूरोटॉक्सिन है जो शरीर की मांसपेशियों को नियंत्रित करने के लिए दिया जाता है। शरीर की तंत्रिकाओं (नर्व) से एक न्यूरोट्रांसमीटर रसायन एसिटाइलकोलीन निकलकर मांसपेशियों से जुड़ता है जिससे ये मूवमेंट करती हैं। लेकिन न्यूरोलॉजिकल मूवमेंट डिसऑर्डर में शरीर की मांसपेशियां अधिक सक्रिय होने के कारण अनियंत्रित हो जाती हैं। जिसके लिए इस इंजेक्शन की मदद से न्यूरोट्रांसमीटर रसायन का रिसाव रोककर मांसपेशियों को नियंत्रित किया जाता है।

7-10 दिन का समय लगता है इंजेक्शन का असर दिखने में।
3-4 माह तक काम करती है एक बार दी गई डोज।

साइड इफेक्ट क्या हैं ?

इसे डॉक्टरी सलाह के बाद ही लगवाएं। इंजेक्शन के बाद प्रभावित हिस्से में कुछ समय के लिए दिक्कत हो सकती है। जैसे गर्दन में इंजेक्शन लगने पर खाने-पीने की चीजें निगलने में कुछ दिक्कत हो सकती है या पलकों पर यह इंजेक्शन लगाने के कुछ दिन बाद तक पलकें थोड़ी झुकी रह सकती हैं। ये समस्याएं कुछ दिन में खुद-ब-खुद ठीक हो जाती हैं। इसे अनुभवी डॉक्टर से ही लगवाएं।

इलाज में कितना समय लगता है ?
दवा की डोज कितनी दी जानी है यह रोग की स्थिति पर निर्भर करता है। इसका असर 7-10 दिन में दिखता है। एक डोज 3-4 महीने तक काम करती है। इसके बाद इंजेक्शन दोबारा लगवाना पड़ता है।

मांसपेशी या त्वचा में लगाते इंजेक्शन –
यह इंजेक्शन प्रभावित हिस्से की मांसपेशी या त्वचा के नीचे लगाया जाता है। जैसे गर्दन का एक ओर झुकाव होने (सर्वाइकल डिस्टोनिया) के मामले में गले को प्रभावित करने वाली मांसपेशी या यूरिन निकल जाने की स्थिति में ब्लैडर में लगाते हैं।

मांसपेशियों के बेहतर मूवमेंट के लिए इस इंजेक्शन को तीन माह के अंतराल से पहले न लगवाएं।
रोग और उसकी गंभीरता के अनुसार किसी भी उम्र का व्यक्ति इस थैरेपी को डॉक्टरी सलाह के बाद इस्तेमाल में ले सकता है।

क्या यह सुरक्षित है ?
बॉटुलिनम टॉक्सिन को बनाने में जिस बैक्टीरिया को प्रयोग में लेते हैं वह फूड पॉइजनिंग के कारक बैक्टीरिया के प्रजाति वाले होते हैं। जो कि गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है। लेकिन बेहद सूक्ष्म मात्रा में देने पर यह पूर्णत: सुरक्षित रूप से काम करता है।

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