बीते मार्च महीने में ही जब कोरोना वाारस संक्रमण ने देश में पांव पसारना शुरू किया तभी जेल प्रशासन को हाई अलर्ट किया गया था। जेलों में बाकायदा कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये सेनेटाइजेशन (Senetisation) जैसी सुविधाएं देने के साथ ही मुलाकात भी बंद करा दी गई थी। जेल में पीसीओ सुविधा के जरिये कैदियों की परिजनों से बात कराने की व्यवस्था कर दी गई। इतना ही नहीं महर्षि विद्या मंदिर मड़वानगर में अस्थाई जेल भी बना दिया गया। एहतियात के तौर पर जेल में आने वाले कैदियों को पहले अस्थायी जेल में रखने के बाद उनमें संक्रमण न होने की पुष्टि होने के बाद मुख्य जेल में भेजे जाने की प्रक्रिया अपनायी गई। हालांकि इसी बीच बीते 16 जुलाई को अस्थायी जेल की व्यवस्था समाप्त कर दी गई। 26 जुलाई को जांच कराई गई, जिसमें एक कैदी को लक्षण के आधार पर बस्ती मेडिकल कालेज भेजा गया।
जिला प्रशासन की ओर से सोमवार को एक बार फिर बस्ती जेल में कैदियों की एंटिजन किट से जांच (Antigen Kit Test) कराई गई। जिला कारागार में लगे कैम्प में 374 कैदियों की जांच हुई, जिसमें 191 कोरोना पाजिटिव पाए गए। एक साथ इतने कैदियों की रिपोर्ट पाजिटिव पाए जाने पर जेल प्रशासन में हड़कम्प मच गया। बड़ी बात यह कि पाजिटिव पाए गए कैदियों में कोरोना के कोई लक्षण नहीं थे। स्वास्थ्य विभाग की सहायता से जेल की दो मंजिला बैरक नंबर नौ को अस्थायी आइसोलेशन वार्ड में बदल दिया गया। पाजिटिव आए सभी कैदियों को इसी वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। बताते चलें क वराणसी, सोनभद्र, आजमगढ और बलिया आदि जिलों में भी जेलों में कैदी संक्रमति पाए जा चुके हैं। बलिया में तो एक 169 कैदी संक्रमित पाए गए थे।
क्या बोले अधिकारी
एडीएम रमेश चन्द्र ने बताया कि पाजिटिव पाए गए कैदियों को जेल में ही आइसोलेट करने की व्यवस्था कर दी गई है। लक्षण दिखने पर या गंभीर होने पर मरीज को कैली अस्पताल भेजा जाएगा। फिलहाल आठ गंभीर मरीजों को कैली अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उधर जेल अधीक्षक संतलाल यादव ने मीडिया को दिये बयान में कहा है कि चिकित्सकों की टीम सभी के स्वास्थ्य पर नजर रखे हुए है। उनके बेहतर इलाज की व्यवस्था की जा रही है।
क्षमता से अधिक कैदी हैं बस्ती जेल में
यूपी का बस्ती जिला जेल काफी समय से क्षमता से अधिक कैदियों का दबाव झेल रहा है। यहां बस्ती के अलावा संत कबीर नगर जिले के कैदी भी बंद हैं। जिला कारागार की क्षमता 480 कैदियों की है, लेकिन यहां बस्ती और संतकबीर नगर के 1200 कैदी बंद हैं। क्षमता से ढाईगुना अधिक कैदियों की सुरक्षा और कोरोना संक्रमण से उनके बचाव जेल प्रशासन के लिये बड़ी चुनौती है।
By Satish Srivastava