Sharad Purnima – चांदनी रात में बरसेगा अमृत, करें ये उपाय

शरद पूर्णिमा 31 को, भगवान को लगेगा खीर का भोग, इस बार कोरोना के चलते मंदिरों में होने वाले सामूहिक आयोजन नहीं होगे

<p>Sharad Purnima &#8211; चांदनी रात में बरसेगा अमृत, करें ये उपाय</p>
कोटपूतली। अश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा महोत्सव मनाया जाता है। इस बार यह 31 अक्टूबर को मनेगी। इस पर्व पर मंदिरों में भगवान को 12 बजे खीर का भोग लगाया जाता है और भजन-कीर्तन सहित अन्य धार्मिक आयोजन होते हैं लेकिन इस बार कोरोना के चलते मंदिरों में होने वाले सामूहिक आयोजन नहीं होगे।
पं. लक्ष्मीनारायण शर्मा ने बताया कि शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। इस पर चांद सोलह कलाओं में होता है। रात को चांद से निकलने वाली किरण अमृत की तरह होती है। शरद पूर्णिमा वाली रात को खीर बनाकर चांद की रोशनी में पूरी रात रखा जाता है। मान्यता है कि पूर्णिमा की रात में खीर पर चंद्रमा की किरणें पड़ती है। इससे खीर में विशेष औषधीय गुण आ जाते हैं। श्रीमद्भागवत के अनुसार शरद पूर्णिमा पर भगवान श्रीकृष्ण रात में रास करते हैं।
कोविड-19 के चलते घरों से होगी शादी की रस्म
शाहपुरा. सैन समाज वैवाहिक सेवा समिति त्रिवेणी धाम की ओर से तुलसी पूर्णिमा पर 30 नवंबर को नवम विवाह सम्मेलन होगा। समिति संरक्षक डॉ. मूलशंकर नापित व अध्यक्ष श्यामलाल सेन रामपुरा वाले ने बताया कि इस बार कोरोना के चलते सामूहिक विवाह समेलन आयोजित नहीं किया जाकर प्रत्येक जोड़ेे को शादी अपने-अपने घरों से राज्य सरकार द्वारा जारी एडवाइजर की पालना करते हुए ही करनी होगी। उन्होंने बताया कि उपहार सामग्री व भोजन सामग्री लड़की पक्ष को 27 नवंबर को शाहपुरा में पलसानिया भवन सरकारी हॉस्पिटल के सामने पर उपलब्ध करा दी जाएगी। विवाह पंजीयन की अंतिम तिथि 10 नवंबर है।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.