संदिग्ध मरीज सेंधवा से बाहर जाकर निजी अस्पतालों में करा रहे इलाज

सरकारी आंकड़ों में गड़बड़ी की आशंका

<p>corona</p>
सेंधवा. सेंधवा विधानसभा में पिछले दो सप्ताह में सेंधवा, वरला, बलवाड़ी सहित अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में संदिग्ध मरीजों की मौत का मामला सामने आ चुका है। परिजनों से लेकर ग्रामीणों तक का कहना है कि जिन लोगों की मौत इंदौर, जलगांव सहित अन्य क्षेत्रों में हुई है, वह कोरोना मरीज थे। क्योंकि बकायदा उनकी जांच निजी लैबोरेटरी में कराई गई थी और पॉजिटिव आने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उनकी मौत हुई है।
नगर की कई कॉलोनी में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बावजूद एहतियातन कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। कर्मचारी चालानी कार्रवाई जरूर कर रहे है, लेकिन ये पर्याप्त नहीं है। नगर में सैनिटाइजेशन, डिस्टेंस नदारद है। खास बात है कि पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं। वहीं संदिग्धों की मौत का आंकड़ा भी बढ़ रहा है, जिससे लोगों की चिंता भी बढ़ रही है। लेकिन सरकारी आंकड़ों में मौतों का आंकड़ा नहीं बढ़ रहा है। कई लोग बड़े शहरों के निजी अस्पतालों में इलाज ले रहे है। वहीं मौत भी हो रही है।
नगरीय क्षेत्र में पिछले एक सप्ताह में कई लोगों की मौत कोरोना संक्रमण से होने की आशंका जताई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी संबंधित व्यक्ति और परिवार के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं। सेंधवा के कई परिवार इंदौर के निजी अस्पतालों में रहकर इलाज करा रहे हैं। कई लोग इंदौर में ही होम क्वॉरेंटाइन हुए हंै। लोग गुपचुप तरीके से प्रशासन को बताए बिना सेंधवा के बाहर जाकर इलाज करा रहे हैं। यदि ऐसा ही चलता रहा तो नगर में भयावह स्थिति निर्मित हो सकती है।
सैनेटाइजेशन और सोशल डिस्टेंस नदारद
संक्रमण के लगातार बढऩे के बावजूद नगर पालिका द्वारा सार्वजनिक स्थलों पर सैनेटाइजेशन शुरू नहीं किया है। पिछले वर्ष समय-समय पर सैनिटाइजर का छिड़काव किया जाता था, लेकिन इस बार अभी तक सैनेटाइजेशन नहीं हुआ है। हालांकि नगर पालिका मास्क नहीं पहनने वालों के विरुद्ध चालानी कार्रवाई कर रही है, लेकिन सोशल डिस्टेंस मेंटेन करने के लिए कोई बड़ी कार्रवाई अभी तक नहीं की गई है। कई दुकानों पर भीड़ मौजूद है और गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है, लेकिन प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा।
स्टाफ की कमी से जूझ रहा कोविड सेंटर
प्रशासनिक अधिकारी भले ही चाक-चौबंद व्यवस्था का दावा कर रहे हों, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। नगर के सिविल अस्पताल में स्थापित कोविड-19 सेंटर में स्टाफ की कमी और व्यवस्थाओं को बढ़ाने की दरकार है। संदिग्ध लोगों के सैंपल लेने के लिए पर्याप्त कर्मचारियों की व्यवस्था नहीं है। कुछ कर्मचारी ही घंटों खड़े रहकर सैंपल लेने का कार्य कर रहे हैं। सिर्फ एक ही चिकित्सक तैनात है। जबकि सेंधवा विकासखंड बड़वानी जिले का सबसे बड़ा क्षेत्र है। इसके अतिरिक्त भीषण गर्मी में पुराने जर्जर भवन और लोहे के टीन शेड के नीचे सैंपल इन कार्य किया जा रहा है, इससे स्टाफ सहित सैंपल देने के लिए आने वाले लोगों को गर्मी सता रही है। लोगों का कहना है कि एनआरसी का पुराना भवन कोविड-19 सैंपल लेने के लिए उपयुक्त जगह हो सकती है यहां पर पक्का भवन और अन्य सुविधाएं मौजूद है, जिन पर अधिकारियों को काम करना चाहिए।
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