माउंटेनमैन बने दो गांवों के लोग, किसी ने नहीं सुनी तो खुद ही बनाने लगे सड़क

जिम्मेदारों ने नहीं सुनी तो दो गांव के ग्रामीणों ने खुद श्रमदान कर कच्ची सड़क को चलने लायक बनाने का उठाया बीड़ा…।

<p>पाटी। मार्ग को दुरस्त करते ग्रामीण।</p>

लक्की गोले

पाटी (बड़वानी)। जब अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने ग्रामीणों की गुहार नहीं सुनी तो ग्रामीणों ने खुद ही श्रमदान कर सड़क को दुरस्त करने का बीड़ा उठाया। पाटी ब्लॉक की देवगढ़ पंचायत के चिचवानिया और सागडिय़ा गांव के ग्रामीण श्रमदान कर क्षतिग्रस्त सड़क को दुरुस्त करने में जुटे हैं। बारिश में जर्जर हुई यह सड़क बोकराटा-पाटी के मुख्य मार्ग को बड़वानी को जोड़ती है। ग्रामीणों के प्रयास से अब सड़क चलने लायक हो गई है।


ग्रामीण आगरिया ने बताया कि लगातार विधायक, सांसद के अलावा स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी कई बार सड़क को ठीक कराने के लिए गुहार लगाई। इसके बाद भी इस पर ध्यान नहीं दिया गया। रविवार को देवगढ़ व सागडिय़ा गांव के ग्रामीणों ने मिलकर इस जर्जर सड़क पर श्रमदान करने की श्ुारुआत की।

15 दिन तक श्रमदान करना पड़ेगा। इसके बाद ही चार व दोपहिया वाहन निकल सकेंगे। क्षतिग्रस्त सड़क की लंबाई 4 किमी होने से 15 दिन तक श्रमदान करना पड़ेगा। श्रमदान करने में जुटे मयाराम चंद्रसिंग कनासे, राकेश जमालसिंग कनासे, तेरसिंग डावर, पंजा पटेल, झांकीराम, ग्यारसिया, कालासिंग, चतरसिंह आदि ने बताया कि सरकार से लेकर जनप्रतिनिधियों तक से इस सड़क को दुरस्त कराने के लिए कई बार गुहार लगाई गई, लेकिन हमारी आवाज अनसुनी ही रह गई। आखिरकार श्रमदान से सड़क दुरस्त करना ही पड़ रहा है। देवगढ़ गांव से बोकराटा जाने के लिए ये एकमात्र सड़क है। जिसके जर्जर हो जाने से आवागमन बाधित हो गया। ऐसे में इसे खुद से ही बनाकर आवागमन बहाल करना पड़ रहा है।

 

पांच वर्षों में बदले पांच ठेकेदार

सागडिय़ा के मुखिया जआगरिया और देवगढ़ के सरपंच विमल ने बताया कि 5 वर्षों में 5 ठेकेदार बदल गए हैं। इसके बावजूद रोड की स्थिति वैसी ही है जैसी 75 साल पहले थी। गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए अस्पताल ले जाने में झोली का सहारा लेना पड़ता है। वहीं अनाज को ट्रैक्टर से गांव तक नहीं ले जा सकते।

 

 

जनप्रतिधियों ने भी किया अनसुना

सरपंच ने बताया कि पिछले दिनों बोकराटा में जनसमस्या निवारण शिविर में राज्यसभा सासंद सुमेरसिंह सोलंकी, सांसद गजेंद्र पटेल व कैबिनेट मंत्री के प्रतिनिधि बलवंत सिंह पटेल को आवेदन के माध्यम से अवगत कराया था। जनप्रतिनिधियों ने मौके पर उपस्थित प्रधानमंत्री सड़क योजना के अधिकारियों को 7 दिन में क्षतिग्रस्त सड़क को दुरस्त करने के निर्देश दिए थे। 20 दिन से बीत चुके हैं, लेकिन कोई निराकरण नहीं हुआ। ग्रामीणों ने बताया कि देवगढ़ के आंबी गांव में भी प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत निर्मित पुलिया तेज बारिश के कारण में टूट गई है, जिससे भी कई समस्याएं आ रही है। चिचवानिया में जो देवगढ़ के मुख्यमार्ग को जोड़ता है। वह भी बारिश के चलते टूट गया है। जिस पर प्रधानमंत्री सड़क योजना के अधिकारी दुरस्त नहीं करा रहे हैं।

 

संज्ञान में आया मामला

ग्राम पंचायत देवगढ़ के रोड का मामला मेरे संज्ञान में आया है। हम इसका प्रस्ताव बनाकर जिले को भेजेंगे और रोड का कार्य अति शीघ्र चालू करवाएंगे।

-अफसर खान, जनपद सीईओ पाटी

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.