जानिए.. कहां लगा पांच दिन का लॉकडाउन

सेंधवा पर भी पड़ेगा दो प्रमुख क्षेत्रों में बाजार बंद का असर

<p>lockdown in balwadi</p>
सेंधवा. वरला के बाद अब बलवाड़ी जिले का दूसरा ऐसा क्षेत्र बन गया है, जहां पर कोरोना के बढ़ते प्रभाव के कारण व्यापारियों और ग्रामीणों ने स्वेच्छा से लॉक डाउन लगाने का निर्णय लिया है। गांव के जनप्रतिनिधियों और व्यापारियों ने बैठक में निर्णय लिया कि सोमवार से आगामी 5 दिन तक टोटल लॉकडाउन रहेगा। महाराष्ट्र से लगे सीमावर्ती क्षेत्र वरला और बलवाड़ी में संदिग्ध मौतों के कारण लॉक डाउन की स्थिति बन रही है। सेंधवा क्षेत्र ने भी लगातार मरीज मिल रहे हैं हालांकि इंदौर के निजी अस्पतालों में सेंधवा के संदिग्धों का इलाज चल रहा है। फिलहाल प्रशासन की जानकारी में नहीं है इसलिए सरकारी आंकड़े जो कहानी बयां कर रहे हैं उसके विपरीत स्थिति खराब होने की चर्चा नगर में हो रही है। बलवाड़ी और वरला में लॉक डाउन का असर सेंधवा में भी दिखाई दे रहा है।

मेडिकल अस्पताल को खुला रखा जाएगा
रविवार को बलवाड़ी में जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों की बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया कि वरला सहित बलवाड़ी में कोरोना संक्रमण के प्रभाव को रोकने के लिए बाजार बंद किया जाना जरूरी है। वरला और बलवाड़ी क्षेत्र महाराष्ट्र के हॉटस्पॉट बन चुके चोपड़ा के बेहद करीब हैं और हजारों लोगों का आना जाना यहां लगा रहता है। ऐसे में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। वही संदिग्ध मौतों के कारण लोगों में भय व्याप्त हो गया है। बलवाड़ी के व्यापारियों ने 29 मार्च से 5 दिन का टोटल लॉकडाउन करने का निर्णय लिया है। इसकी जानकारी वरला थाने पर दी गई है। ग्रामीणों ने बताया कि इस दौरान मेडिकल सहित निजी अस्पताल खुले रहेंगे। 31 मार्च को 2 घंटे के लिए किराना व्यवसाय खुला रखने की छूट मिलेगी। इसके अलावा किसी भी व्यवसायी को दुकान खुली रखने की अनुमति नहीं रहेगी। लॉक डाउन का सख्ती से पालन किया जाएगा।

50 से अधिक गांव लॉकडाउन से प्रभावित

सेंधवा विधानसभा में वरला बलवाड़ी और धवली क्षेत्र राजनीतिक और आर्थिक महत्व का माना जाता है। अधिकांश गांव इन्हीं क्षेत्रों के अंतर्गत आते हंै। जिनका व्यापार व्यवसाय और आर्थिक गतिविधियां वरला और बलवाड़ी सहित धवली में संचालित होती है। दो प्रमुख क्षेत्र में लॉकडाउन का असर धवली सहित 50 से अधिक गांव में पड़ा है। ग्रामीण क्षेत्रों के हजारों लोग आम जरूरतों के लिए इन क्षेत्रों में निर्भर रहते हैं, लेकिन टोटल लॉकडाउन के चलते लोगों ने अपनी जरूरत का सामान खरीद लिया है। पूरे क्षेत्र में प्रशासन सक्रिय है। व्यापारियों में इतना भय है कि वह खुद ही बाजार बंद करने का निर्णय ले रहे हैं। इन क्षेत्रों में टोटल लॉकडाउन का निर्णय से प्रशासन का कोई लेना देना नहीं है, हालांकि अधिकारी नजर बनाए हुए हैं। लोगों का कहना है कि महाराष्ट्र के चोपड़ा की स्थिति सीमावर्ती क्षेत्रों को प्रभावित कर रही है। इसलिए इन क्षेत्रों में संक्रमितों की संख्या और संदिग्ध मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है, हालांकि सरकारी आंकड़े सामान्य स्थिति बयां कर रहे हैं।

इधर.. सेंधवा में तैयार हुआ आइसोलेशन वार्ड
प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के उद्देश्य से सेंधवा सिविल अस्पताल में 10 बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है। बीएमओ कनेल ने बताया कि शनिवार शाम को आइसोलेशन वार्ड कर लिया गया है। फीवर क्लीनिक के साथ ही अब लोगों को वार्ड में भर्ती करने की प्रक्रिया भी शुरू की है, हालांकि आइसोलेशन वार्ड में किस तरह के मरीजों का इलाज किया जाएगा यह स्पष्ट नहीं है। पिछले वर्ष जामली स्थित आइसोलेशन वार्ड में ऐसे मरीजों को रखा गया था जो लक्षण वहीं थे या यूं कहें कि जिन कोरोना संक्रमित मरीजों को कोई लक्षण नहीं थे उन्हें जामली में रखा गया था। कनेल ने बताया की थायरॉइड जांच मशीन भी शुरू कर दी गयी है।
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