कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों का प्रवेश होगा निशुल्क

उच्च शिक्षा विभाग के आदेशानुसार महाविद्यालयों में रविवार से ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया शुरु होगी

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बड़वानी. उच्च शिक्षा विभाग के आदेशानुसार महाविद्यालयों में रविवार से ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया शुरु होगी। इस बार प्रवेश प्रक्रिया में कोविड से अनाथ हुए बच्चों को निशुल्क प्रवेश दिया जाएगा। वहीं प्रवेश के लिए आयु सीमा बंधन को समाप्त कर दिया है। जिले के महाविद्यालयों में भी प्रवेश को लेकर तैयारियां शुरु हो गई है। स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों कक्षाओं के लिए प्रवेश दिए जाएंगे।
शहीद भीमा नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एनएल गुप्ता ने बताया कि स्नातक स्तर का प्रवेश पंजीयन एक से 12 अगस्त तक और स्नातकोत्तर का प्रवेश पंजीयन एक से नौ अगस्त के मध्य होगा। महाविद्यालय में ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया के लिए केंद्रीय प्रवेश समिति का गठन महाविद्यालय में किया गया है। इसके नोडल अधिकारी के रूप में डॉ. जेके गुप्ता को नियुक्त किया गया है। महाविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी डॉ. प्रमोद पंडित ने बताया कि प्रवेश के लिए इस बार विभिन्न प्रकार के निर्देश प्राप्त हुए है। उल्लेखनीय है छोटे-विद्यार्थियों के साथ महाविद्यालय स्तर की पढ़ाई भी कोरोना से प्रभावित हुई है।
शासन ने प्रवेश के लिए आयु सीमा का बंधन समाप्त कर दिया है।
यह भी जानिए..
प्रथम चरण के लिए पंजीयन शुल्क का भुगतान (100) चालान, निर्धारित बैंको की इंटरनेट बैकिंग सुविधा से ही मान्य होगा। छात्राओं का प्रथम चरण के लिए पंजीयन निशुल्क रहेगा।
उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार एमपी बोर्ड, सीबीसीई और ओपन बोर्ड से 12 उत्तीर्ण आवेदक के दस्तावेज पोर्टल से आनलाइन वेरीफाई होंगे। वेरीफाई नहीं होने की दशा में ही दस्तावेजों का सत्यापन करना होगा।
कोविड से अनाथ हुए बच्चों को निशुल्क प्रवेश दिया जाएगा।
विद्यार्थी का अधिकतम सात महाविद्यालयों का चयन किया जा सकता है।
नवीन सत्र 2021-22 में उच्च शिक्षा द्वारा नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत सभी नवीन प्रवेशित विद्यार्थियों को यह सुविधा प्रदान की गई है कि वह दो अनिवार्य विषयों के अतिरिक्त तृतीय विषय के रूप में एक वैकल्पिक विषय का चयन कर सकता है।
मध्यप्रदेश शासन के निर्देशानुसार कोविड के नियमों का पालन करना अतिआवश्यक है।
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