कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक हेमाराम चौधरी ने कहा कि बकरीपालन व्यवसाय एक लाभदायक व्यापार है। इसके माध्यम से अच्छा खासा लाभ कमाया जा सकता है। इसे कृषि के साथ-साथ बहुत आसानी से किया जा सकता है। बकरीपालन व्यवसाय भारत में तेजी से बढ़ रहा है और खासकर नौजवान इस व्यवसाय की ओर आकर्षित हो रहे हैं। उसका कारण भी खास है क्योंकि काफी कम लागत से शुरू किया जा सकता है और इस व्यवसाय में मुनाफा भी अधिक है।
उन्होंने कहा कि किसान ज्यादा से ज्यादा कृषि विज्ञान केन्द्र से जुडक़र वैज्ञानिकों से तकनीकी सलाह प्राप्त करें जिससे कि वे फसलों में होने वालें विभिन्न रोगों पर नियंत्रण आसानी से कर सकें। केन्द्र प्रभारी डॉ. प्रदीप पगारिया ने बताया कि आईसीएआर नई दिल्ली भारत सरकार की ओर से मार्च 2020 में केन्द्र पर आर्या परियोजना स्वीकृत की गई थी जिसके तहत प्रथम बकरीपालन प्रशिक्षण अगस्त 2020 में आयोजित किया गया। उन्होंने बताया कि बकरीपालन एक ऐसा व्यवसाय है जो कम जमा पूंजी में अधिक मुनाफा देता है।
डीडीएम नाबार्ड बाड़मेर डॉ. दिनेश प्रजापत ने सहकारी बैंक की ओर से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने राजस्थान सरकार की कामधेनु योजना के बारे में भी बताया। डॉ. हरि दयाल चौधरी ने बताया कि ग्रामीण युवाओं में इस तरह के कौशल विकास से उनका आत्मविश्वास बढ़ाने में सहायता मिलेगी। गंगाराम माली ने भी विचार व्यक्त किए।
अचलाराम, खुमाराम, दिनेश पटेल, नाथाराम आदि उपस्थित रहे। बाबुलाल जाट ने धन्यवाद ज्ञापित किया।