कभी कोरोना पर चर्चा अब चुनावी समर की तैयारी

– गांवों में पंच-सरपंच की पंचायती का चल रहा दौर
– युवाओं में उत्साह तो बुजुर्ग भी टटोल रहे मतदाताओं की नब्ज
– युवाओं ने सोशल मीडिया पर शुरू किया प्रचार-प्रसार
– महिला उम्मीदवारों के परिजन हुए सक्रिय फैक्ट फाइल२३३ ग्राम पंचातयों में होंगे चुनाव सरपंच पद २३३, वार्ड पंच पद- १६३३ चुनाव चार चरण में- २८ सितम्बर, ३ नवम्बर, ६ नवम्बर और १० नवम्बर को

<p>कभी कोरोना पर चर्चा अब चुनावी समर की तैयारी</p>
बाड़मेर. गांवों में कोरोना की चर्चाओं का दौर अब थमता नजर आ रहा है, क्योंकि चुनावी चौपाल जमने लगी है। लम्बे इंतजार के बाद सरकार ने पंचायतरीराज के चुनाव चार चरण में करवाने की घोषणा जैसे ही की वैसे ही भावी नेता चुनावी तैयारी में लग गए। अब स्थिति यह है कि जिले की २३३ ग्राम पंचायतों में सिर्फ चुनावी चर्चाओं का ही दौर चल रहा है। गौरतलब है कि जिले में ६८९ ग्राम पंचायतें हैं, जिसमें से पूर्व में अधिकांश जगह पंच-सरपंच चुन लिए गए थे, लेकिन कोरोना के चलते २३३ ग्राम पंचायतों में चुनाव शेष थे जो अब सितम्बर-अक्टूबर में होंगे। देश में कोरोना महामारी को लेकर २२ मार्च को लॉकडाउन लगा तो प्रदेश में गांवों की सरकार चुनने का काम भी रुक गया।
करीब छह माह से पंचायतराज चुनाव अटके हुए थे, जिस पर अब सरकार ने निर्णय करते हुए चुनावी तिथियां तय की है। जिले में २३३ ग्राम पंचायतों में चार चरण में चुनाव होंगे जिसमें २३३ सरपंचों के साथ १६३३ वार्ड पंच चुने जाएंगे। प्रथम चरण का चुनाव २८ सितम्बर को है जबकि द्वितीय चरण में ३ नवम्बर, तृतीय में ६ व चतुर्थ चरण में १० नवम्बर को चुनाव होंगे। चुनावी तिथियां की घोषण होते ही गांवों में कोरोना संकट की चर्चाएं तो थम गई है और चुनावी समर की चर्चाओं का दौर चल रहा है।
युवाओं में उत्साह, बुजुर्गों में उमंग- इस बार चुनाव में जहां युवाओं को सरपंचाई का शौक लगा हुआ है तो सालों से पंच बने बुजुर्ग भी अपना दावा जता रहे हैं। युवाओं ने सोशल मीडिया पर ध्यान देते हुए प्रचार-प्रसार शुरू कर दिया है तो बुजुर्ग अपनी पहचान व सालों के रिश्तों की दुहाई देते हुए मतदाताओं की थाह ले रहे हैं। महिला उम्मीदवारों के परिजन सक्रिय- जिले में महिलाओं को आरक्षण के अनुसार भागीदारी मिलेगी, लेकिन अधिकांश जगह महिलाओं से ज्यादा उनके परिजन ही सक्रिय है।
सोशल मीडिया पर भी पुरुषों ने प्रचार-प्रसार शुरू किया है महिलाओं को तो सिर्फ नाम लिखकर बताया जा रहा है कि अमूक उम्मीदवार है।

गांवों में चल रही चर्चाएं- गांवों में अब चुनावी चर्चाओं का ही दौर है। कोरोना का असर वैसे भी गांवों में कम है अब तो लोग बस सरपंचाई पर ही चर्चा कर रहे हैं।- सगताराम, निवासी ऊंटल
चुनावी चर्चाओं में ही गुजर रहा दिन- जिन ग्राम पंचायतों में चुनाव है वहां तो सरपंच की दावेदारी और जोड़-बाकी की पंचायती में ही दिन गुजर रहा है। लोग चुनावी चर्चाओं पर ही ध्यान दे रहे हैं।- नीम्बसिंह फौजी , जानसिंह की बेरी
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