यह भी पढ़ें- वसीम रिजवी के खिलाफ निकलेगी मौलाना कल्बे जव्वाद की रैली, गिरफ्तारी की भी मांग बता दें कि मुस्लिम महिलाओं के लिए तीन तलाक और हलाला के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाली निदा खान का निकाह आला हजरत खानदान के शीरान रजा खान से हुआ था। निकाह के कुछ समय बाद ही कथित तौर पर शीरान ने निदा को तलाक दे दिया। इसके खिलाफ निदा कोर्ट पहुंच गई थीं। इतना ही नहीं निदा ने तीन तलाक और हलाला के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए आला हजरत हेल्पिंग सोसायटी नामक एक संगठन भी बनाया था। इसी संगठन के बैनर तले उन्होंने मुस्लिम महिलाओं के लिए लड़ाई तो कई बार आला हजरत दरगाह के लोगों से टकराव भी हुआ। इस दौरान निदा के खिलाफ दरगाह से सामाजिक बहिष्कार का फतवा भी जारी किया गया। फतवे के खिलाफ निदा ने रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी।
उर्दू में माफीनामा, हस्ताक्षर अंग्रेजी में अब उसी निदा खान के नाम से वायरल हो रहा माफीनामा चर्चा का विषय बन गया है। बता दें कि यह माफीनामा उर्दू में लिखा गया है और अंग्रेजी में हस्ताक्षर किए गए है। इस पत्र में पांच गवाहों के भी हस्ताक्षर हैं, जिनमें तीन महिलाएं और दो पुरुष हैं। वहीं, दरगाह से जुड़े लोगों ने इस माफीनामे की पुष्टि की है, लेकिन निदा खान ने न तो इसकी पुष्टि की है और न ही वह इस पत्र को लेकर लोगों के सामने आई हैं।
जानिये क्या लिखा है माफीनामे में माफीनामे में लिखा गया है कि मैं आला हजरत की जुमला तालिमात के साथ उसके फतवों को मानती हूं। आला हजरत के फतवा तीन तलाक, बिल खुसूस निकाह और हलाला के मसाइल में हुक्मे शरई को सही मानती हूं। उन्होंने आगे लिखा है कि जाने-अनजाने में मैंने जो खिलाफत की है, मैं गवाहों के बीच तौबा और रुजू करती हूं। इस माफीनामे पर आला हजरत दरगाह के प्रवक्ता नासिर कुरैशी का कहना है कि महिला का माफीनामा वायरल होने की जानकारी मिली है। पत्र के एक गवाह ने भी इसकी पुष्टि की है।