जिले में अब तक पॉजिटिव मिले तीनों मरीजों की कोटा रैफर करने के बाद वहां लिए गए सेम्पल की जांच रिपोर्ट ही पॉजिटिव मिली है। जबकि यहां जिला चिकित्सलय में भी दक्ष प्रशिक्षक चिकित्सकों की मौजूदगी में सेम्पल लिए जा रहे हंै तथा इन सेम्पलों की जांच रिपोर्ट में अब तक एक भी मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं मिली है। जिला चिकित्सालय में सबसे पहला सेम्पल फरवरी माह में चीन से लौटी एक छात्रा का लिया गया था। उसकी रिपोर्ट भी नेगेटिव मिली थी तथा अब वह छात्रा स्वस्थ है। इसके बाद मार्च, अप्रेल व मई माह में लगातार सेम्पल लिए जा रहे हंै। इसके अलावा जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों पर भी सेम्पल लिए गए, लेकिन उनकी रिपोर्ट भी नेगेटिव ही मिली है। जिले में 13 मई तक 148 8 सेम्पल लिए गए। इनमें से 1394 की रिपोर्ट नेगेटिव मिली है। शेष ९४ की रिपोर्ट मिलने का इंतजार है।
संक्रमण बारां या कोटा, पता नहीं
जिले में यूं तो अब तक तीन लोग कोरोनो वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, लेकिन तीनों ही मामलों में संक्रमण की चपेट में आने वाले क्षेत्र को लेकर अब तक संशय की स्थिति बनी हुई है। पहली कोरोना पॉजिटिव बालिका के साथ रहने वाले उसके भाई व मां आदि परिजन व पड़ोसी तक नेगेटिव मिले। आशंका है कि बालिका बारां से जाने के बाद चार दिनों तक कोटा अस्पताल में रही। इम्यूनिटी पावर कमजोर होने के कारण इसी दौरान किसी ने उसे कोरोना बांट दिया। इसी तरह शहर के कौसर कॉलोनी निवासी प्रसूता के बच् चे व पति, सास समेत 38 लोग व अन्ता के रायपुरिया गांव निवासी 75 वर्षीय वृद्ध के समपर्क में आने वाले 32 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव मिलने से आशंका है कि उन्हें भी बारां में किसी से कोरोना नहीं मिला। अब सेम्पल लेने की तकनीक व कोटा अस्पताल में संक्रमण पर नियंत्रण की स्थिति को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
-जिले में पहली कोरोना पॉजिटिव मरीज की दो बार नेगेटिव रिपोर्ट मिलने के बाद वह इससे रिकवर हो गई है। इसकी सूचना पोर्टल पर डाल दी गई है। वहीं कौसर कॉलोनी की गर्भवती व रायपुरिया के वृद्ध के सम्पर्क वाले सभी 70 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव मिली है। बारां में वायरस होता तो इनके परिजन बच्चों आदि किसी के तो पॉजिटिव मिलता। सेम्पल मापदंडों के तहत ही लिए जा रहे हंै।
-डॉ. राजेन्द्र कुमार मीणा, डिप्टी सीएमएचओ (स्वास्थ्य)