खचाखच मजदूरों से भरी आठ बसें जब पहुंची बाराबंकी बॉर्डर, जिले में नहीं मिली एंट्री

कोरोना वायरस के चलते हुए लॉक डाउन का कड़ाई से पालन करने के लिए बाराबंकी जिला प्रशासन ने जिले की सारी सीमाएं सील कर दी हैं…

<p>खचाखच मजदूरों से भरी आठ बसें जब पहुंची बाराबंकी बॉर्डर, जिले में नहीं मिली एंट्री</p>
बाराबंकी. दूसरे राज्यों से पलायन करके आए मजदूरों का संकट लगातार बढ़ता जा रहा है। लॉकडाउन के चलते कल-कारखाने बंद होने और दिहाड़ी मजदूरों का काम खत्‍म होने के चलते वे अपने गांव को लौट जाना चाहते हैं। लेकिन तमाम राज्यों और दूसरे जिलों से सैंकड़ों किलोमीटर दूर अपने घरों के लिए रोडवेज बसों से आ रहे मजदूरों को जिला प्रशासन अब अपनी सीमा में ही नहीं घुसने दे रहा है। प्रशासन का कहना है कि जिले की सारी सीमाएं सील कर दी गई हैं और लॉक डाउन का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। इसलिए अब किसी की भी जिले में एंट्री नहीं कराई जाएगी। वहीं ऐसे में 8 बसों में खचाखच भरे मजदूर शाम से प्रशासन की अनुमति का इंतजार कर रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें उनके घर जाने दिया जाए।
दरअसल कोरोना वायरस के चलते हुए लॉक डाउन का कड़ाई से पालन करने के लिए बाराबंकी जिला प्रशासन ने जिले की सारी सीमाएं सील कर दी हैं। सीमा सील होने से आठ बसों में खचाखच भरकर आ रहे मजदूरों पर आफत आ गई है। सारी बसों को बाराबंकी जिला प्रशासन ने बॉर्डर पर सफेदाबाद के पास ही रुकवा दिया और उन्हें किसी भी कीमत पर जिले में घुसने की अनुमति नहीं दे रहा है।
बस ड्राइवर का कहना है कि हमने हज हाउस से फ्री सेवा के अंतर्गत कुल आठ बसों में फैजाबाद, बलिया, गोरखपुर, बस्ती, बलरामपुर समेत कई जिलों के पैसेंजर बिठाये हैं। लेकिन यहां से हमें आगे नहीं जाने दे रहे हैं। हमने अपने उच्च अधिकारी को इस बारे में सूचित किया है। जैसा वह कहेंगे हम आगे वैसा ही करेंगे।
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