कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ आज बाराबंकी में किसान महापंचायत, गरजेंगे नरेश टिकैत, हजारों किसान भरेंगे हुंकार

Kisan Mahapanchayat: कृषि सुधार कानूनों को रद किए जाने सहित तमाम अन्य मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) की आज बाराबंकी जिले के हरख में महापंचायत होगी।

<p>कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ आज बाराबंकी में किसान महापंचायत, गरजेंगे नरेश टिकैत, हजारों किसान भरेंगे हुंकार</p>
बाराबंकी. Kisan Mahapanchayat: कृषि सुधार कानूनों को रद किए जाने सहित तमाम अन्य मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) की आज बाराबंकी जिले के हरख में महापंचायत होगी। इसमें भारतीय किसान यूनियन के के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत समेत संगठन के कई दूसरे पदाधिकारी भी हिस्सा लेंगे। बाराबंकी जिला मुख्यालय से करब आठ किलोमीटर दूर हरख ब्लॉक में जनपद इंटर कॉलेज के पास मैदान में होने वाली महापंचायत को लेकर किसान संगठन के पदाधिकारियों ने पूरी ताकत झोंक दी है। भाकियू (टिकैत) संगठन के मुताबिक महापंचायत के मुख्य अतिथि भाकियू राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत होंगे।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेश सिंह चौहान और दूसरे पदाधिकारी भी महापंचायत का हिस्सा बनेंगे। पंचायत सुबह से 10 बजे से ही शुरू हो जाएगी।महापंचायत में जनपद के अलावा लखनऊ, सीतापुर, कानपुर, उन्नाव, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, गोंडा और बहराइच सहित आसपास के दूसरे जिलों के किसानभी आ रहे हैं। वहीं बाराबंकी के बाद 25 फरवरी को जनपद बस्ती में महापंचायत आयोजित होनी है।
महापंचायत के लिए नहीं ली जाएगी अनुमति

वहीं किसान नेता हरनाम सिंह ने बताया कि किसानों का मुद्दा स्पष्ट है कि तीनों काले कानून समाप्त हो और एमएसपी को कानूनी जामा पहनाया जाए। इसी मांग को लेकर आज हजारों किसानों की यहां जुटान होगी। जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत भी शामिल होंगे। हरनाम सिंह ने बताया कि किसान किसी जल्दी में नहीं हैं। सरकार चाहे आज बात करे या फिर 2024 के चुनाव के समय। हम इंतजार करते रहेंगे। महापंचायत के लिए जिला प्रशासन से अनुमति लिए जाने पर हरनाम सिंह ने कहा कि हम क्यों अनुमति लें। अगर देश के गृह मंत्री अमित शाह ने बंगाल में अपनी जनसभा की अनुमति ममता सरकार से ली हो तो हम भी अनुमति ले लें। अन्यथा कोई अनुमति नहीं लेंगे।
पूरे पूर्वांचल में होगी किसान महापंचायत

भाकियू (टिकैत) युवा के प्रदेश अध्यक्ष दिगंबर चौधरी ने कहा कि पूर्वांचल का रास्ता बाराबंकी से ही खुलता है। बाराबंकी पूर्वांचल की सफलता का द्वार है, इसलिए इसे खोलना बहुत जरूरी है। जब यहां का किसान अपने अधिकारों के प्रति जागरुक होगा तभी वह पूर्वांचल के किसानों को तीनों काले कानूनों के खिलाफ जागरुक करने में सफल होगा। हम इस तरह की पंचायतें पूरे पूर्वांचल में करने जा रहे हैं। इसमें किसानों को जागरुक कर यह बताने का काम करेंगे कि ये तीनों कानून किस तरह से आने वाले दिनों में हमें अपना गुलाम बना लेंगे।
पुलिस-प्रशासन अलर्ट

भाकियू (टिकैत) की महापंचायत को लेकर प्रशासन भी बेहद सतर्क है। हरख में भाकियू का पंचायत का स्थल चिनहट-लखनऊ से हरख मार्ग पर है। पंचायत स्थल से जिला मुख्यालय की दूरी लगभग आठ किलोमीटर है। जबकि चिनहट-लखनऊ से दूरी करीब 20 किलोमीटर है। ऐसे में भाकियू की पंचायत में जुटने वाले कार्यकर्ता अपने नेताओं के आह्वान पर लखनऊ भी कूच कर सकते हैं। ऐसी आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। ऐसे में बाराबंकी जिले का पुलिस-प्रशासन अलर्ट है और पंचायत चुनाव को देखते हुए शांति व सुरक्षा व्यवस्था की तैयारियां काफी पुख्ता की गई हैं।
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