VIDEO : सियासी घमासान के बीच विधायक रमीला खडिय़ा कुशलगढ़ में, बामनिया और मालवीया का जयपुर में डेरा

Rajasthan MLAs News, Rajasthan Politics News, CM Ashok Gehlot, Sachin Pilot, Ramila Khadiya, Arjun Singh Bamaniya, Mahendrajeet Singh Malviya : बांसवाड़ा में अन्य नेताओं ने साधी चुप्पी, खडिय़ा के पास आया सीआईडी का कॉल

<p>VIDEO : सियासी घमासान के बीच विधायक रमीला खडिय़ा कुशलगढ़ में, बामनिया और मालवीया का जयपुर में डेरा</p>
बांसवाड़ा. प्रदेश में मचे सियासी घमासान और हॉर्स ट्रेडिंग को लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी रहे बांसवाड़ा के अशोक सिंह मेतवाला की एसओजी की ओर से गिरफ्तारी और एक विधायक द्वारा कुशलगढ़ विधायक रमीला खडिय़ा से मुलाकात करने के बयान के बाद राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी हुई है। बांसवाड़ा विधायक अर्जुनसिंह बामनिया और बागीदौरा विधायक महेंद्रजीतसिंह मालवीया जयपुर में हैं तो विधायक खडिय़ा रविवार को कुशलगढ़ में ही रही। उनके पास जयपुर सीआईडी से कॉल भी आया। इधर, इस मामले को धड़ेबाजी से देखे जाने के बीच जिलाध्यक्ष के अलावा अन्य नेताओं ने चुप्पी साध ली है। राज्यसभा चुनाव के दौरान खरीद-फरोख्त की बातचीत में बागीदौरा विधायक मालवीया और कुशलगढ़ विधायक खडिय़ा का उल्लेख होने का मामला सामने आने के बाद शनिवार को राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई थी। दोनों विधायकों ने किसी भी प्रकार का संपर्क किए जाने या मोबाइल पर कॉल किए जाने से साफ इनकार किया था। बांसवाड़ा विधायक व राज्यमंत्री अर्जुनसिंह बामनिया भी जयपुर रवाना हो गए थे। बामनिया ने शनिवार रात ही मुख्यमंत्री से मुलाकात भी की थी।
मालवीया नहीं गए दिल्ली
इधर, मालवीया शनिवार को नई दिल्ली नहीं गए और जयपुर ही थे। मालवीया ने खुद कहा था कि वे गहलोत के साथ 30 सालों से जुड़े हैं और साथ ही रहेंगे। इसके बावजूद उनके दिल्ली पहुंचने की बात कही गई। मालवीया के जयपुर में होने की पुष्टि पार्टी प्रवक्ता मनीषदेव जोशी ने भी की है।
भाई से मिलने आए थे तब मुलाकात हुई
निर्दलीय विधायक रमिला खडिय़ा रविवार को कुशलगढ़ क्षेत्र में ही रही। गत दिनों विधायक सुरेश टांक से मुलाकात के सवाल पर कहा कि बांसवाड़ा में उनके भाई हैं, जिनसे मुलाकात के लिए वे आए थे, तब फोन आया था तो मेरी मुलाकात हुई थी। हम सभी निर्दलीय विधायक सीएम से मिलने सहित अन्य अवसरों पर भी साथ ही रहते हैं। विधानसभा में सुरेश टांक व हम साथ ही बैठते हैं। खरीद-फरोख्त की बात गलत है। हम जन्म से कांग्रेसी हैं। हमको कोई खरीद नहीं सकता है। विधायकों को जयपुर बुलावे पर कहा कि जयपुर से फोन आया था, लेकिन पति की पुण्यतिथि होने से नहीं जा पाई हूं। इसके बाद मैं भी जयपुर जाऊंगी। गौरतलब है कि एसीबी की ओर दर्ज मुकदमे में नामजद निर्दलीय विधायक टांक ने शनिवार को कहा था कि बांसवाड़ा में भाई से मिलने गया था, वहां खडिय़ा से 15 मिनट मुलाकात हुई थी।
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सीआईडी से आया कॉल
एसओजी की जांच और एसीबी के नए केस को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच कुशलगढ़ विधायक रमीला खडिय़ा के पास सीआईडी से कॉल आया। विधायक ने बताया कि एसओजी या एसीबी से उन्हें किसी ने संपर्क नहीं किया। सीआईडी जयपुर से कॉल आया, जिसमें उन्होंने टांक से मुलाकात को लेकर जानकारी मांगी। जो कुछ हुआ, पहले ही बता चुकी थी इसलिए सीआईडी को भी वही दोहरा दिया।
इसलिए की कोशिश
इधर, सूत्रों के अनुसार प्रदेश में कांगे्रस की सरकार बनने पर विधायक मालवीया को बनाए जाने की पूरी संभावना थी, लेकिन मंत्रिमंडल में उन्हें सम्मिलित नहीं किए जाने से उन्हें असंतुष्ट खेमे में शामिल होना माना जा रहा था। उनके समर्थकों ने उदयपुरा बड़ा में सरकार बनने के बाद हुई गहलोत की सभा में भी यह बात कही थी, लेकिन मालवीया ने बाद में स्पष्ट कर दिया था कि उनकी गहलोत व पार्टी से नाराजगी नहीं है। वहीं खडिय़ा को कांगे्रस से टिकट नहीं मिला था और वे निर्दलीय चुनाव लडकऱ जीती। ऐसे में यह दोनो नाम सुर्खियों में आये
जिले में दो धड़े
हालांकि जिला कांगे्रस में मालवीया व बामनिया के अपने धड़े हैं। जिलाध्यक्ष चांदमल जैन, पूर्व विधायक नानालाल निनामा मालवीया गुट के माने जाते हैं। वहीं पूर्व विधायक कांता भील सहित पार्टी के बांसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के आला नेता बामनिया गुट में माने जाते हैं। गहलोत की पिछली बांसवाड़ा यात्रा के दौरान भी सर्किट हाउस में दोनों धड़ों से जुड़े नेता अलग-अलग नजर आए थे और कांगे्रस कार्यालय में हुई बैठकों में भी कई बार यह गुटबाजी साफ नजर आई है।
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