बांसवाड़ा : पत्रिका की पहल पर प्रत्याशियों ने भरे संकल्प पत्र, जनभावना के अनुरूप काम करने और विकास को बताई प्राथमिकता चुनाव प्रक्रिया आचार सहिंता से शुरू हुई और राजनीति दलों की ओर से अपने प्रत्याशियों की घोषणा, इसके बाद घोषित व अन्य प्रत्याशियों की ओर से नामांकन दाखिला, इनके आवेदनों की जांच, नाम वापसी, चुनाव चिह्न आवंटन और फिर प्रचार-प्रसार की होड। इसका शोर पांच दिसंबर की शाम को थम गया और 6 को शांत माहोल में घर-घर की मनुहार तक सिमट गया। यानि की जन्म से लेकर अब युवा अवस्था को प्राप्त हो गया। जिसकी आयु होती है 6+12=18 वर्ष। अब 7 दिसंबर को करना है मतदान, नहीं किसी से है डरना, चूक गए तो पांच साल तक पश्चताओगे वरना।
राजस्थान का रण : वो वोट ले जाते हैं, हमें किनारे पर छोड़ जाते हैं, लेकिन चुनावों के बाद गांव में कभी नहीं आते है बस हमारा नेता भी कुछ ऐसा ही होना चाहिए। सभी का सर्वांगीण विकास, महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा, बेटियों के हित और उनकी सुरक्षा, सम्मान के लिए कदम उठाए और हर क्षेत्रों में आगे बढऩे में सबकी मदद की जाए। अच्छे मुकाम पर महिलाओं को पहुंचाया जाए। मूलभूत सुविधाएं मिले और जिले में रेल आए और पर्यटन स्थलों का विकास हो तो यहां की नैसर्गिंग छठा को देखने के लिए पर्यटकों को बढ़ावा मिले। इन्हीं उम्मीदों के साथ जनजातीय जिले के मतदाता भी अपने मताधिकार के लिए तैयार है।