इसलिए करनी पड़ रही नई कवायद
दरअसल, बीते एक पखवाड़े से कोरोना संक्रमितों के आंकड़े अप्रत्याशित रूप से घटे हैं, लेकिन गंभीर हालात में लाए गए मरीजों में ऑक्सीजन सेचुरेशन कम होने के बाद मौतों का क्रम बना रहा। खासकर बुजुर्गों में यह परेशानी ज्यादा रही है। इसके चलते एमजी अस्पताल में दस बैड का आईसीयू पिछले दिनों फुल हो गया। फिर यकायक और मरीज आने पर मुश्किल से एडजस्ट किया गया। फिर कलक्टर अंकितकुमार सिंह ने भी यहां उपचार में परेशानी को समझा, तो प्रस्ताव के साथ ही तैयारी करने को कहा। इसके मद्देनजर यहां तीसरी मंजिल पर बनाए नए वार्ड को अब कोविड आईसीयू में तब्दील किया जा रहा है।
दरअसल, बीते एक पखवाड़े से कोरोना संक्रमितों के आंकड़े अप्रत्याशित रूप से घटे हैं, लेकिन गंभीर हालात में लाए गए मरीजों में ऑक्सीजन सेचुरेशन कम होने के बाद मौतों का क्रम बना रहा। खासकर बुजुर्गों में यह परेशानी ज्यादा रही है। इसके चलते एमजी अस्पताल में दस बैड का आईसीयू पिछले दिनों फुल हो गया। फिर यकायक और मरीज आने पर मुश्किल से एडजस्ट किया गया। फिर कलक्टर अंकितकुमार सिंह ने भी यहां उपचार में परेशानी को समझा, तो प्रस्ताव के साथ ही तैयारी करने को कहा। इसके मद्देनजर यहां तीसरी मंजिल पर बनाए नए वार्ड को अब कोविड आईसीयू में तब्दील किया जा रहा है।
आगे यह है आशंका
पहले एपीडेमिक संकट के दौर देख चुके वरिष्ठ विशेषज्ञों का मानना है कि महामारी कोई भी हो, अक्सर पिक पर पहुंचने के बाद एकबारगी शिथिलता का दौर आता है। फिर कुछ अंतराल बाद वह सिर उठाती है। मौजूदा हालात से आंकलन है कि कम्यूनिटी स्प्रेड हो चुका है। अब कोरोना संक्रमितों के आंकड़ें घटने का सिलसिला नवरात्रि और दिवाली तक बना रहेगा। इसके बाद ठंड बढऩे के साथ फिर परेशानी बढऩे की आशंका है। तब मरीजों को बचाने की बड़ी चुनौती आएगी।
पहले एपीडेमिक संकट के दौर देख चुके वरिष्ठ विशेषज्ञों का मानना है कि महामारी कोई भी हो, अक्सर पिक पर पहुंचने के बाद एकबारगी शिथिलता का दौर आता है। फिर कुछ अंतराल बाद वह सिर उठाती है। मौजूदा हालात से आंकलन है कि कम्यूनिटी स्प्रेड हो चुका है। अब कोरोना संक्रमितों के आंकड़ें घटने का सिलसिला नवरात्रि और दिवाली तक बना रहेगा। इसके बाद ठंड बढऩे के साथ फिर परेशानी बढऩे की आशंका है। तब मरीजों को बचाने की बड़ी चुनौती आएगी।
यह किए जा रहे हैं इंतजाम
नए आईसीयू में नए आईसीयू में 15 ऑक्सीजन प्वाइंट दिए गए हैं, जबकि जबकि 15 बैड पर सिलेंडर लगाए जाएंगे। इसके साथ ही यहां कार्डिएक डिफेल्यूटेलर, ऑक्सजी कंसन्ट्रेटर, कार्डिएक मॉनीटर सहित अन्य जीवन रक्षक संसाधन के इंतजाम किए जा रहे हैं। चूंकि ये काफी महंगे संसाधन हैं और सर्दी में एसी की जरूरत भी नहीं होती। लिहाजा मितव्ययता ध्यान में रखते हुए इस वार्ड में एयर कंडीशनर नहीं लगाए जा रहे। हालांकि चिकित्सालय प्रशासन यहां मरीजों के लिए टीवी लगवा चुका है और उपचार में मददगार इंतजाम करने के साथ आईसीयू जैसे बैड और वीडियो डाइग्नोस्कॉप के भी लिए प्रयासरत है।
नए आईसीयू में नए आईसीयू में 15 ऑक्सीजन प्वाइंट दिए गए हैं, जबकि जबकि 15 बैड पर सिलेंडर लगाए जाएंगे। इसके साथ ही यहां कार्डिएक डिफेल्यूटेलर, ऑक्सजी कंसन्ट्रेटर, कार्डिएक मॉनीटर सहित अन्य जीवन रक्षक संसाधन के इंतजाम किए जा रहे हैं। चूंकि ये काफी महंगे संसाधन हैं और सर्दी में एसी की जरूरत भी नहीं होती। लिहाजा मितव्ययता ध्यान में रखते हुए इस वार्ड में एयर कंडीशनर नहीं लगाए जा रहे। हालांकि चिकित्सालय प्रशासन यहां मरीजों के लिए टीवी लगवा चुका है और उपचार में मददगार इंतजाम करने के साथ आईसीयू जैसे बैड और वीडियो डाइग्नोस्कॉप के भी लिए प्रयासरत है।
इनका कहना है
एमजी अस्पताल के मौजूदा आईसीयू में पॉजिटिव रोगियों के लिए बैड कम होने से पिछले दिनों दिक्कत आई थी। आगे कोविड-19 के मरीज बढऩे पर वैसी स्थिति से निबटने के लिए बजट का आग्रह किया गया। बांसवाड़ा विधायक अर्जुन बामणिया ने अपने मद से 40 लाख रुपए दिए हैं। इससे एमजी अस्पताल प्रशासन के साथ मिलकर नए आईसीयू की तैयारी की है।
-डॉ. अनिल भाटी पीएमओ, एमजी अस्पताल
एमजी अस्पताल के मौजूदा आईसीयू में पॉजिटिव रोगियों के लिए बैड कम होने से पिछले दिनों दिक्कत आई थी। आगे कोविड-19 के मरीज बढऩे पर वैसी स्थिति से निबटने के लिए बजट का आग्रह किया गया। बांसवाड़ा विधायक अर्जुन बामणिया ने अपने मद से 40 लाख रुपए दिए हैं। इससे एमजी अस्पताल प्रशासन के साथ मिलकर नए आईसीयू की तैयारी की है।
-डॉ. अनिल भाटी पीएमओ, एमजी अस्पताल