ठगा गया बांसवाड़ा का पार्टनर, फूटी कौड़ी तक नहीं दी और मिली सलाखें

banswara crime news : नकली शराब की फैक्ट्री और लाखों के माल बरामदगी का मामला

<p>ठगा गया बांसवाड़ा का पार्टनर, फूटी कौड़ी तक नहीं दी और मिली सलाखें</p>
बांसवाड़ा. बांसवाड़ा के आंबापुरा थानान्तर्गत झरनिया में पार्टनर बनाकर यहां नकली शराब की फैक्ट्री लगाकर एमपी और प्रतापगढ़ के तस्करों ने यहां परिसर मालिक से ही शातिरी कर दी। सात महीने में उसे एक फूटी कौड़ी तक नहीं दी। फिर विवाद उपजा, दिसंबर से बंद फैक्ट्री में बना हुआ माल भी पड़ा रह गया और पिछले दिनों पुलिस के छापे में वही सबसे पहले पकड़ा गया। यह तथ्य अब दानपुर पुलिस की रिमांड पर चल रहे आरोपियों सोहनपुर, प्रतापगढ़ निवासी भागीरथ पुत्र रामलाल कुमावत और फैक्ट्री परिसर मालिक वीरप्रतापसिंह पुत्र रणजीतसिंह से अब तक की पूछताछ में सामने आए। अनुसंधान अधिकारी भगवतीलाल पालीवाल ने बताया कि वीरप्रताप ने पूछताछ में बताया कि अगस्त में धर्मेंद्र और भागीरथ उसके संपर्क में आए। चालीस हजार रुपए महावार परिसर किराए की बात करने पर उसने घर के पीछे निर्माण करवाया। फिर रात में ही ये लोग काम करते थे। यहां कभी-कभार पिकअप वाहन से रात में आकर सामान उतारने-चढ़ाने का क्रम चला। तब तक उसे पता चल गया, तो आरोपियों ने फैक्ट्री में भागीदार बनाने की बात कही। इसके बाद दो-तीन बार यहां से सप्लाई भी की और कुछ माल बनाया ही था कि हिसाब को लेकर दिसंबर में बात बिगड़ गई। तब से धर्मेंद्र यहां नहीं आया और माल पड़ा रह गया। उसने अपने परिसर के पेटे एक रुपया तक नहीं मिलना बताया। उल्लेखनीय है कि गुरुवार को पुलिस ने झरनिया में नकली शराब की फैक्ट्री पर छापा मारकर दो नामी ब्रांड के 143 कर्टन शराब और 310 लूज बोतलें बरामद की। मौके पर विभिन्न शराब ब्रांड के ढक्कन, लैबल सील, खाली कार्टून, खाली बोतलों की बोरियां, सीलिंग व पैकिंग की मशीनें, शराब बनाने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे स्प्रीट के भरे ड्रम, केमिकल, आरओ प्लांट, ड्रम बरामद किए थे।
घर तक पहुंची पुलिस, नहीं लगा सुराग
इस बीच, दानपुर थाने की टीम हिरासत में चल रहे आरोपियों को साथ लेकर मुख्य आरोपी धर्मेंद्रसिंह के मंदसौर जिले के भावगढ़ थानान्तर्गत धंदोड़ा स्थित घर तक पहुंची। यहां पूछताछ पर परिजनों ने धर्मेंद्र निजी बस का ड्राइवर होना और एक सप्ताह से धर्मेंद्र के घर नहीं आना बताया। आरोपियों द्वारा बताए उसके मोबाइल नंबर बंद होने पर पुलिस ने परिजनों ने नंबर पूछे, तो उन्होंने जानकारी से ही इनकार किया। ऐसे में आरोपी नहीं मिल पाने पर टीम वापस लौटी।
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