बांसवाड़ा : कोरोना संक्रमित मासूमों का मन बहलाएंगे टॉम एंड जैरी और छोटा भीम

Banswara Latest News : जिला अस्पताल में भर्ती होने वाले बच्चों के वार्ड में कार्टून कैरेक्टर का आकर्षण

<p>बांसवाड़ा : कोरोना संक्रमित मासूमों का मन बहलाएंगे टॉम एंड जैरी और छोटा भीम</p>
दीनदयाल शर्मा. बांसवाड़ा. जिला अस्पताल में कोरोना संक्रमित मासूमों का टॉम एंड जैरी और छोटा भीम मन बहलाएंगे। तीसरी लहर की चपेट में बच्चे ज्यादा आने की आशंका पर यहां इनके लिए बनाए कोविड पीडियाट्रिक वार्ड का लुक किसी स्कूल की नर्सरी जैसा दिया जा रहा है। यह अभिनव प्रयोग जिला प्रशासन की पहल पर महात्मा गांधी चिकित्सालय प्रशासन करवाकर वार्ड को उनके मनमाफिक वातावरण बनाने में जुटा है। इसके तहत वार्ड के दीवारों-खंभों पर मिकी माउस, शीनचेन, डोरेमॉन सरीखे कई कार्टून कैरेक्टर की वाल पेंटिंग्स से आकर्षण बिखेरा जा रहा है। इस काम में पेंटर युद्धस्तर पर लगे हुए हैं। आने वाले दिनों में वार्ड का स्वरूप और भी मनभावन बनेगा। इस बारे में चर्चा पर प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. रवि उपाध्याय ने बताया कि अमूमन अस्पताल में भर्ती कराने पर कोरोना संक्रमित वयस्कों में भी घबराहट बढ़ती है। फिर उपचार के दौरान बैड पर लेटे मरीज को लगातार दवाइयों-इंजेक्शन से झुंझलाहट, सेहत को लेकर चिंता के साथ परिजनों का साथ नहीं मिलने पर निराशा भी घर करती है। जब बड़ों की ऐसी स्थिति हो तो छोटे बच्चों में ऐसी परेशानी ज्यादा होना स्वाभाविक है। चूंकि संक्रमित बच्चों के साथ माता-पिता का साथ रहना मुमकिन नहीं है, लिहाजा अकेलापन और बोर करने वाले हालात उन्हें और ज्यादा कुंठित और बैचेन कर सकता है। इन परिस्थितियों को देखते हुए पीडियाट्रिक वार्ड का माहौल बच्चों के मनमाफिक बनाने के लिए दीवारों पर कार्टून कैरेक्टर बनवाए जा रहे हैं। इससे बच्चे प्रसन्नचित्त रहने पर उपचार में आसानी होगी, और उनकी सेहत में जल्द सुधार होगा।

नवजातों से लेकर किशोरों तक, जुटाई सुविधाएं
यहां उपचार के लिए नवजातों से लेकर किशोरों तक, आयुवर्ग के अनुसार सुविधाएं जुटाई जा रही हैं। बाल रोक विशेषज्ञ डॉ. रंजन चरपोटा और डॉ. प्रद्युम्न जैन ने बताया कि यहां शून्य से एक महीने तक के नवजातों के लिए एसएनसीयू के सामने 30 बैड का वार्ड बनाया गया है, तो उधर पीडियाट्रिक वार्ड में एक माह से 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए 70 बैड का इंतजाम किया जा रहा है। इनमें तीस बैड आईसीयू के हैं, जबकि 50 बैड का वार्ड सामान्य बाल रोगियों के लिए रहेगा। सभी 100 बैड को सेंट्रल ऑक्सीजन सिस्टम से जोडकऱ प्वाइंट दिए गए हैं, वहीं इन वार्डों के मरीजों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक सभी तरह की सुविधाएं देने के प्रयास किए जा रहे हैं।

टीवी का भी प्लान, जिससे 14 दिन काटने हो आसान
नवजातों और पीडियाट्रिक आईसीयू में वेंटिलेटर या ऑक्सीजन के जरूरतमंद बच्चे होने से यहां मनोरंजन के साधन बेमायने हैं। लेकिन सामान्य वार्ड में प्रयोग की दरकार रही। इसलिए 14 दिन का क्वारंटीन काटना मुश्किल होने के मद्देनजर कार्टून केरेक्टर से सज्जा के साथ अब टीवी लगाने की भी प्लानिंग है जिससे बच्चों का मनोरंजन के साथ उपचार होता रहे।

इनका कहना है…
कोरोना पीडि़त बच्चों के वार्ड में घर और स्कूल जैसा माहौल देने के लिए कार्टून कैरेक्टर बनवाने का प्रयोग किया है। यहां माहौल बदलने और मनोरंजन से बच्चों के ठहराव में सुविधा होगी, वहीं डॉक्टरों और स्टाफ को उपचार संबंधित दिक्कतें भी घटेंगी।
अंकितकुमारसिंह, कलक्टर
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