इस दौरान झरनिया में स्कूल के करीब एक मकान के गोदामनुमा हिस्से में नकली शराब बनाने की फैक्ट्री पाई गई। इसमें दो नामी ब्रांड के 143 कर्टन शराब और 310 भरी हुई लूज बोतलें बरामद हुई। इसके अलावा मौके पर विभिन्न शराब ब्रांड के ढक्कन, लैबल सील, खाली कार्टून, खाली बोतलों की बोरियांसमेत बोतल व कर्टन सीलिंग व पैकिंग की मशीनें, शराब बनाने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे स्प्रीट के भरे ड्रम, केमिकल, आरओ प्लांट, खाली ड्रम बराामद हुए। रात से शुक्रवार तडक़े तक चली कार्रवाई के दौरान मौके पर एक व्यक्ति पुलिस के हाथ लगा। पूछताछ में उसने अपना नाम वीरप्रतापसिंह पुत्र रणजीतसिंह बताया, जो परिसर का मालिक है। उसने जिले के अलावा पड़ोसी राज्यों के लोगों के साथ यहां एकांत में अवैध काम करना कबूला।
आबकारी के साथ ट्रेड मार्क एक्ट में केस, अन्य आरोपियों की तलाश
पुलिस ने भारतीय दण्ड संहिता, आबकारी अधिनियम तथा ट्रेडमार्क अधिनियम की धाराओं में केस दर्ज कर आरोपी वीरप्रतापसिंह को गिरफ्तार कर माल जब्त किया। कार्रवाई दल में आंबापुरा थानाधिकारी किरेन्द्रसिंह, पुलिस की यातायात शाखा प्रभारी सचिन शर्मा, डीएसटी प्रभारी सुरेश बिजारनिया तथा प्रतापगढ़ डीएसटी टीम शामिल थी। पुलिस अधीक्षक ने इस कार्रवाई में शामिल टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की है।
पुलिस ने भारतीय दण्ड संहिता, आबकारी अधिनियम तथा ट्रेडमार्क अधिनियम की धाराओं में केस दर्ज कर आरोपी वीरप्रतापसिंह को गिरफ्तार कर माल जब्त किया। कार्रवाई दल में आंबापुरा थानाधिकारी किरेन्द्रसिंह, पुलिस की यातायात शाखा प्रभारी सचिन शर्मा, डीएसटी प्रभारी सुरेश बिजारनिया तथा प्रतापगढ़ डीएसटी टीम शामिल थी। पुलिस अधीक्षक ने इस कार्रवाई में शामिल टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की है।
छिपते-छिपाते माल बनाकर भेज रही थी गैंग
एसपी सिंह ने बताया कि इस नाजायज धंधे में लिप्त आरोपियों की गैंग विभिन्न ब्रांड का नकली माल बनाकर मौका देखकर पिकअप, ट्रक आदि वाहनों में छुपाकर अन्य जिलो व राज्यों में तस्करी कर रहे थे। आरोपी वीरप्रताप ने पूछताछ में स्वीकार किया कि गिरोह में विभिन्न जिलों व राज्यों के लोग शामिल हैं। जिस गोदाम में यह अवैध काम हो रहा था, वह उसी का है। उससे कुछ नाम सामने आए हैं, जिस पर पुलिस आरोपियों की धरपकड़ में जुट गई है।
एसपी सिंह ने बताया कि इस नाजायज धंधे में लिप्त आरोपियों की गैंग विभिन्न ब्रांड का नकली माल बनाकर मौका देखकर पिकअप, ट्रक आदि वाहनों में छुपाकर अन्य जिलो व राज्यों में तस्करी कर रहे थे। आरोपी वीरप्रताप ने पूछताछ में स्वीकार किया कि गिरोह में विभिन्न जिलों व राज्यों के लोग शामिल हैं। जिस गोदाम में यह अवैध काम हो रहा था, वह उसी का है। उससे कुछ नाम सामने आए हैं, जिस पर पुलिस आरोपियों की धरपकड़ में जुट गई है।