संशय बरकरार, आलाकमान के ‘आदेशÓ का इंतजार, येडि पार्टी की सेवा को तैयार

– नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों पर पहली बार बोले येडियूरप्पा : २६ जुलाई होगा निर्णायक दिन- मुख्यमंत्री ने दिए इस्तीफा देने के संकेत, फैसला आलाकमान पर छोड़ा- 25 को आलाकमान से मिलने वाले निर्देश टिकी निगाहें

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बेंगलूरु. पिछले एक सप्ताह से सत्तारूढ़ भाजपा में चल रही नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को लेकर संशय बरकरार है। इस बीच, मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा ने राजनीतिक हालात को लेकर मिश्रित संकेत देते हुए कहा कि वे पार्टी आलाकमान के निर्देश का पालन करेंगे। येडियूरप्पा ने गुरुवार को संकेत दिया कि वे 26 जुलाई को पद से त्यागपत्र दे सकते हैं। लेकिन, फैसला आलाकमान पर छोड़ दिया और कहा कि 25 जुलाई को शीर्ष नेतृत्व मिलने वाले निर्देश के अनुरूप पार्टी को अपनी सेवाएं देंगे। प्रदेश भाजपा में चल रहे अंदरुनी कलह के बीच येडियूरप्पा के इस बयान ने पार्टी को दुविधा में डाल दिया है। येडियूरप्पा सरकार 26 जुलाई को ही दो साल पूरा करेगी।

यहां गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए येडियूरप्पा ने कहा ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मेरे प्रति विशेष स्नेह दिखाया और विश्वास जताया है। पार्टी में 75 साल की उम्र पूरी करने वाले किसी भी नेता को पद नहीं दिया जाता है। लेकिन, शाह को मेरा काम पसंद आया और उन्होंने मुझे 79 वर्ष की उम्र तक काम करने का अवसर दिया।Ó येडियूरप्पा ने कहा कि पार्टी को मजबूत बनाना हमेशा उनका मुख्य उद्देश्य रहा ताकि आगामी चुनाव में फिर से भाजपा सत्ता में लौट सके। आज भी उनकी प्रतिबद्धता यही है।
येडियूरप्पा ने कहा ‘पार्टी का शीर्ष नेतृत्व 25 जुलाई को मुझे निर्देश देगा। जो भी निर्देश मिलेगा उसी के अनुरूप मैं अपना काम करना शुरू करूंगा। सत्ता में दो साल पूरे होने के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया है। कार्यक्रम में भाग लेेने के बाद मैं राष्ट्रीय नेताओं के निर्देशों का पालन करूंगा।Ó

उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि पार्टी को मजबूत बनाना और फिर से सत्ता में वापसी कराना उनका कर्तव्य है। इसलिए कार्यकर्ता किसी भ्रम में नहीं रहें। उनके पक्ष में कोई बयान देने, विरोध प्रदर्शन अथवा आंदोलन करना उचित नहीं होगा। यह सब किए बिना वे उन्हें अपना समर्थन दे सकते हैं। मठ प्रमुखों ने आशीर्वाद दिया है और उनके प्रति समर्थन व्यक्त किया है जिसे वे अपने जीवन भर याद रखेंगे। उनके आशीर्वाद और सहयोग से पार्टी जो भी फैसला करेगी उसका पालन करेंगे। उनका निर्णय वहीं होगा जो पार्टी आलाकमान का निर्णय होगा।
इस बीच, येडियूरप्पा के बयान के बाद निगाहें 25 जुलाई को आलाकमान से मिलने वाले संदेश पर जा टिकी हैं। अगर येडियूरप्पा को इस्तीफा देने का इशारा मिलता है तो उनके लगभग 5 दशक के लंबे राजनीतिक सफर का यह आखिरी पड़ाव साबित होगा। सियासी गलियारों में चर्चा रही कि येडियूरप्पा २६ जुलाई को इस्तीफा दे सकते हैं। उन्होंने उस दिन राज्यपाल से मुलाकात के लिए समय भी मांगा है। हालांकि, राज्य में राजनीतिक हलचल बढऩे के बावजूद भाजपा आलाकमान अभी तक मौन है।

जब भी निर्देशा आएगा, पद छोड़ दूंगा
येडियूरप्पा ने कहा कि उन्हें अभी तक त्याग पत्र देने के लिए नहीं कहा गया है। जब भी पार्टी आलाकमान निर्देश देगा, वे पद छोड़ देंगे। पार्टी ने अभी तक कुछ नहीं कहा है। येडियूरप्पा ने दिल्ली दौरे से पहले भी कहा था कि आलाकमान के कहने पर किसी भी वक्त वे पद छोड़ देंगे। पार्टी सूत्रों का कहना है कि भाजपा आलाकमान लिंगायत संतों से मुलाकात को लेकर खुश नहीं है। गुरुवार को भी विभिन्न मठों के संतों का येडियूरप्पा से मिलने का सिलसिला जारी रहा। मैसूरु और चामराजनगर के पुजारियों का समूह भी येडियूरप्पा से मिलने उनके दफ्तर पहुंचा।

प्रदेश प्रभारी ने सवाल को टाला
इस बीच, भाजाप के प्रदेश प्रभारी महासचिव अरुण सिंह ने दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में प्रदेश नेतृत्व परिवर्तन से जुड़े सवालों को टाल दिया। पत्रकारों से जब सिंह से इसके बारे में पूछा तो उन्होंने सवाल को टालते हुए कहा कि हम किसी दिन साथ बैठेंगे और चर्चा करेंगे। सिंह ने पिछले महीने राज्य का दौरा किया था और विधायकों से विभिन्न मसलों पर चर्चा की थी।
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