वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को कोरोना के नियमों को लागू करने की जिम्मेदारी : गृहमंंत्री

जनता से सहयोग की अपील

<p>वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को कोरोना के नियमों को लागू करने की जिम्मेदारी : गृहमंंत्री</p>

बेंगलूरु.कोरोना महामारी की दूसरी लहर को नियंत्रित करने के लिए हाल में प्रशासन की ओर से जारी दिशा-निर्देशों को कारगर रूप से लागू करने के लिए शहर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को दायित्व सौैंपा गया है। गृहमंत्री बसवराज बोम्मई ने यह बात कही।
यहां बुधवार को उन्होंने कहा कि शीघ्र ही जिला पुलिस अधीक्षकों के साथ इन दिशा-निर्देशों के पालन को लेकर चर्चा की जाएगी। लोगों को भी प्रशासन के साथ सहयोग करते हुए इन दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करना होगा।
उन्होंने कहा कि केवल प्रशासनिक सख्ती से इन दिशा-निर्देशों का पालन करना संभव नहीं है। लोगों को इस विकट स्थिति में अपने सामाजिक दायित्व को ध्यान में रखते हुए स्वयंप्रेरणा से ही इन निर्देशों का पालन करना होगा।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि देखा जा रहा है कि अभी भी लोग कोरोना की स्थिति को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। कई लोग लापरवाही सेे बाजारों में घूमकर अनावश्यक भीड़ पैदा कर रहे हैं। हर क्षेत्र में मार्शल या पुलिस कर्मचारियों को तैनात करना संभव नहीं है। ऐसे में अति आवश्यक होने पर ही लोगों को घर से बाहर निकलना चाहिए।
राज्यपाल को मार्गदर्शन देने का अधिकार: सवदी
उपमुख्यमंत्री ने कांग्रेस की आपत्ति को बताया तर्कहीन
बेंगलूरु. हाल में राज्यपाल वजूभाई वाळा तथा मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा की उपस्थिति में कोरोना महामारी की समीक्षा के लिए आयोजित सर्वदलीय वर्चुअल बैठक को कांग्रेस नेताओं की ओर से गैर संवैधानिक करार देना तार्किक नहीं है। उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सवदी ने यह बात कही।
यहां बुधवार को उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी जैसी विकट स्थिति में राज्य की जनता के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार को मार्गदर्शन देने का अधिकार राज्यपाल को है। ऐसे में कांग्रेस कोरोना महामारी जैसी विकट स्थिति में भी इस बैठक में क्या विचार विमर्श हुआ, इस बात को छोड़कर केवल राज्यपाल की उपस्थिति पर ही कांग्रेस नेताओं की आपत्ति तर्कहीन है।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी को नियंत्रित करने के लिए जारी दिशा -निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाएगा। इन दिशा-निर्देशों को लेकर मंत्रिमंडल के सदस्यों के बीच मतभेद से इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि सभी जिला प्रभारी मंत्री तथा जिला प्रशासन इन दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए कृतसंकल्प हैं। ऐसी स्थिति में प्रशासन विपक्ष का सहयोग चाहता है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सार्वजनिक तथा निजी बसों में बस में बैठने की क्षमता के अनुसार केवल 50 फीसदी यात्रियों को सफर करने की अनुमति दी जा रही है।
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