कंटेनमेंट जोन के जैव अपशिष्ट का निपटान भी चुनौती
कंटेनमेंट जोन की बढ़ती संख्या के साथ चुनौतियां जैव अपशिष्ट (बायोमेडिकल कचरे) में हो रही वृद्धि से निपटने की भी है। हालांकि, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और बीबीएमपी ने कहा है कि कंटेनमेंट जोन के जैव अपशिष्ट से निपटने के लिए उचित व्यवस्था की गई है। लेकिन, घरों और औद्योगिक स्थलों से मास्क और दस्ताने जैसे खतरनाक कचरे के से निपटने की भी चुनौती है। इनमें से अधिकांश खतरनाक कचरे रोजमर्रा के कचरे में मिल जाते हैं क्योंकि कचरा पृथक्करण की व्यवस्था दुरुस्त नहीं है। सुरक्षित रिसाइक्लिंग की व्यवस्था नहीं होने से सड़क पर कचरा बिखरने और वायरस के सार्वजनिक स्थलों पर फैलने का खतरा है। सरकार ने 8 जून से चरणबद्ध तरीके से धार्मिक स्थलों, मॉल, होटल और मेट्रो जैसी सार्वजनिक सेवाओं और अन्य गतिविधियों को फिर से खोलने का फैसला किया है। चूंकि, राज्य की अर्थव्यवस्था बेंगलूरु पर काफी हद तक केंद्रीत है इसलिए सरकार के पास जोखिम उठाने के अलावा कोई विकल्प भी नहीं है।
कंटेनमेंट जोन की बढ़ती संख्या के साथ चुनौतियां जैव अपशिष्ट (बायोमेडिकल कचरे) में हो रही वृद्धि से निपटने की भी है। हालांकि, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और बीबीएमपी ने कहा है कि कंटेनमेंट जोन के जैव अपशिष्ट से निपटने के लिए उचित व्यवस्था की गई है। लेकिन, घरों और औद्योगिक स्थलों से मास्क और दस्ताने जैसे खतरनाक कचरे के से निपटने की भी चुनौती है। इनमें से अधिकांश खतरनाक कचरे रोजमर्रा के कचरे में मिल जाते हैं क्योंकि कचरा पृथक्करण की व्यवस्था दुरुस्त नहीं है। सुरक्षित रिसाइक्लिंग की व्यवस्था नहीं होने से सड़क पर कचरा बिखरने और वायरस के सार्वजनिक स्थलों पर फैलने का खतरा है। सरकार ने 8 जून से चरणबद्ध तरीके से धार्मिक स्थलों, मॉल, होटल और मेट्रो जैसी सार्वजनिक सेवाओं और अन्य गतिविधियों को फिर से खोलने का फैसला किया है। चूंकि, राज्य की अर्थव्यवस्था बेंगलूरु पर काफी हद तक केंद्रीत है इसलिए सरकार के पास जोखिम उठाने के अलावा कोई विकल्प भी नहीं है।