मारवाड़ी महिलाओं का प्रयास, नेत्रदान कर दूसरे की जिंदगी रोशन करें

कस्बे के जानेमाने नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉ. शिवाजी पाडमुखी ने कहा कि नेत्रदान महादान है। नेत्र दान करने से किसी की अंधेरी जिंदगी में रोशनी आ सकती है।

<p>मारवाड़ी महिलाओं का प्रयास,नेत्रदान कर दूसरे की जिंदगी रोशन करें</p>

इलकल. कस्बे के जानेमाने नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉ. शिवाजी पाडमुखी ने कहा कि नेत्रदान महादान है। नेत्र दान करने से किसी की अंधेरी जिंदगी में रोशनी आ सकती है। डॉ. शिवाजी यहां आखील भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन की ओर से आयोजित नेत्रदान जागरूकता अभियान पखवाड़े में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि हमारी पांच इन्द्रियों में नेत्रों का स्थान काफी महत्वपूर्ण है। नेत्रों में रोशनी न होतो इस खूबसूरत दुनिया को देख नहीं सकते। नेत्रों की रोशनी ना होने का दु:ख वही समझ सकता है, जिसके पास नेत्र नहीं हैं। मृत्यु के बाद नेत्र जो जलकर खाक हो जाते हैं। वह नेत्र किसी व्यक्ति की जिंदगी को रोशनी कर सकते हैं। हमारे देश में नेत्रदान को लेकर काफी भ्रांतियां है, जिसकी वजह से लोग नेत्रदान करने से कतराते हैं। नेत्र ना सिर्फ हमें रोशनी देते हैं, बल्कि हमारे मरने के बाद किसी और की जिंदगी से भी अंधेरा हटा सकते हैं।

नेत्रदान से नेत्रहीन की जिंदगी आबाद हो जाती है। नेत्रदान करनेवाले व्यक्ति की मृत्यु के छह घंटे के भीतर नेत्रदान कर देना चाहिए। जिस व्यक्ति को नेत्रदान के कॉर्निया का उपयोग करना है, उसे शिघ्र ही प्रत्यारोपित कराना जरूरी होता है।
नेत्रदान एक सरल प्रक्रिया है तथा कोई भी व्यक्ति नेत्रदान कर सकता है। नेत्रदान के लिए उम्र कोई मायने नहीं रखती।

शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. पवनकुमार दरक ने कहा कि अपने लिए तो सभी जीते है लेकिन दूसरों के लिए जीने वाला महान होता है। देश की बडी आबादी अंधत्व का शिकार हैं। नेत्रदान से अंधत्व की समस्या पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है। मारवाड़ी महिलाओं ने जो नेत्रदान के प्रति जागरूकता अभियान चलाया है वह सराहनीय है।


मारवाड़ी महिला सम्मेलन की अध्यक्ष ललिता करवा की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में उपाध्यक्ष कृष्णा डागा, विजय महांतेश विधावर्धक संघ के प्रशासनिक अध्यक्ष महांतप्पा पट्टणशेट्टर, सचिव दिलीप देवगिरीकर, सदस्य डॉ. के.वी.अक्की समेत अनेक महिलाएं मौजूद थी। इसके बाद महिलाओं ने एसवीएम महाविद्यालय से नेत्रदान जागरूकता रैली निकाली।

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