केंद्र की नीतियों के खिलाफ श्रमिकों ने निकाली रैली

किसान विरोधी कानून वापस लेने की मांग

<p>केंद्र की नीतियों के खिलाफ श्रमिकों ने निकाली रैली</p>
बेंगलूरु. केंद्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीति के खिलाफ विभिन्न श्रमिक संगठनों के नेतृत्व में गुरुवार को श्रमिकों ने रैली निकाली। राज्य के विभिन्न जिलों से आए सैकड़ों श्रमिकों ने मैजेस्टिक क्षेत्र के संगोली रायण्णा चौराहे से लेकर फ्रीडम पार्क तक जुलूस निकाला।
इस जुलूस में आईएनटीयूसी,एआईटीयूसी,एचएमएस तथा जेसीटीयू संगठनों के सदस्यों ने भाग लिया। श्रमिक संगठनों ने केंद्र सरकार से श्रमिक तथा किसान विरोधी कानून वापस लेने की मांग की।इस अवसर पर एआईटीयूसी के नागराज ने कहा कि लॉकडाउन के पश्चात देश में कई मजदूरों ने रोजगार खो दिया है। ऐसे परिवारों के लिए केंद्र तथा राज्य सरकार ने अभी तक कोई पैकेज घोषित नहीं किया है। लिहाजा इन परिवारों को तुरंत 7500 रुपए की नकदी दी जाए तथा 10 किलो अनाज वितरित किया जाए।
न्यूनतम 200 दिनों का रोजगार सुनिश्चित करें

उन्होंने कहा कि महानरेगा योजना का शहरों में विस्तार कर असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को न्यूनतम 200 दिनों का रोजगार सुनिश्चित करना चाहिए। सरकारी क्षेत्र की कंपनियों के निजीकरण के प्रस्ताव को मजदूरों के लिए घातक बताते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे प्रस्ताव तुरंत निरस्त किए जाने चाहिए।40 करोड़ पॉलिसी धारक तथा 32 लाख करोड़ रुपए संपत्ति की भारतीय जीवन बीमा कंपनी (एलआईसी) का निजीकरण करने के प्रयास किए जा रहे है। इस प्रस्ताव का हमें पुरजोर विरोध करना चाहिए। साथ में नेशनल पेंशन योजना (एनपीसी) योजना को निरस्त कर पुरानी पेंशन योजना बरकरार रखनी चाहिए।
ऑटो और टैक्सी चालकों ने निकाली रैली

बेंगलूरु. विभिन्न मांगों को लेकर ऑटो और टैक्सी चालक संगठनों ने गुरुवार को बंद रखा और रैली निकाली। ऑटो और टैक्सी चालकों ने अपनी मांगो को लेकर क्रांतिकारी संगोल्ली रायण्णा सिटी रेलवे स्टेशन से फ्रीडम पार्क तक रैली निकली और संगठनों के प्रतिनिधियों ने विधान सौधा जाकर सरकार को ज्ञापन सौंपा। रैली के कारण कई जगहों पर यातायात जाम रहा और लोगों को परेशानी हुई।
ऑटो और टैक्सी चालक महासंघ के अध्यक्ष जी.मंजुनाथ ने पत्रकारों को बताया कि लॉकडाउन के अवसर पर सरकार ने ऑटो चालकों को विशेष पैकेज के तहत पांच-पांच हजार रुपए देेने की घोषणा की थी। राशि को प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन अर्जियां भी दाखिल की गई थीं। अभी तक चालकों के खातों में राशि जमा नहीं कराई गई। उन्होंने कहा कि राशि जारी करने, ऑटो और टैक्सियों का कर्ज माफ करने, निजी पान ब्रोकरों से उत्पीडऩ खत्म करने, कोरोना संक्रमितों का इलाज कराने के लिए साढ़े सात हजार रुपए की आर्थिक सहायता करने, चालकों को आवास की सुविघा, पेंशन, राशन कार्ड वितरित करने तथा अन्य मांगों को लेकर सरकार को ज्ञापन दिया गया। उन्हें विश्वास है कि मुख्यमंत्री बी.एस.येडियूरप्पा मांगों को पूरा करेंगे।
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