कोरोना वॉरियर्स भी विष पीने वाले भगवान शंकर की तरह : चिकित्सा शिक्षा मंत्री

– ग्रुप डी कर्मचारियों को मिलेगा जोखिम भत्ता

<p>कोरोना वॉरियर्स भी विष पीने वाले भगवान शंकर की तरह : चिकित्सा शिक्षा मंत्री</p>

बेंगलूरु. कोविड अस्पताल, कोविड देखभाल केंद्र, स्वाब संग्रह केंद्र और फीवर क्लिनिक में कार्यरत स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग के गु्रप डी कर्मचारियों को अगले छह माह तक वेतन के साथ 10 हजार रुपए का जोखिम भत्ता भी मिलेगा।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. के. सुधाकर ने मंगलवार को कहा कि चिकित्सक, नर्स, सफाई कर्मचारी और एम्बुलेंसकर्मी सभी कोरोना वॉरियर हैं और इनका सम्मान सभी का कर्तव्य है। देवाताओं और दानवों द्वारा किए गए समुद्र मंथन से निकला विष भगवान शंकर ने अपने कंठ में धारण किया था। कोरोना वॉरियर्स भी भगवान शंकर की तरह अपनी जान जोखिम में डाल दूसरों को जीवन देने का काम कर रहे हैं। (Karnataka’s Medical Education Minister compairs corona warriors with Lord Shiva)

25 अस्पतालों को 10 दिन का समय

उन्होंने कहा कि खुद से अस्पताल पहुंचने वाले कोविड मरीजों से कुछ निजी अस्पताल सरकार द्वारा निर्धारित शुल्क से ज्यादा वसूल रहे हैं। ऐसे अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई होगी। अस्पताल प्रबंधनों को कानून का सम्मान करना चाहिए। 25 निजी मेडिकल कॉलेजों ने कोविड जांच लैब स्थापित नहीं की है। इन कॉलेजों ने 10 दिनों का समय मांगा है। कोलार स्थिति देवराज यूआरए मेडिकल कॉलेज और तुमकूरु स्थित सिद्धार्थ मेडिकल कॉलेज को इस संबंधि में नोटिस जारी किया गया है।

डॉ. सुधाकर ने कहा कि सप्तगिरी अस्पताल, बीजीएस अस्पताल और डॉ. अंबेडकर अस्पताल ने दो-तीन दिन में सरकार को बिस्तर देने की बात कही है। निजी मेडिकल कॉलेजों में उपलब्ध 10 हजार बिस्तरों में से 4500 बिस्तर कोविड मरीजों के लिए आरक्षित होंगे। अस्पताल 2200 बिस्तर दे चुके हैं। शेष 2300 बिस्तर भी कुछ दिनों में मिल जाएंगे। एक डैशबोर्ड भी बनाया गया है जिसके माध्यम से लोग जान सकेंगे कि किस अस्पताल में कितने बिस्तर उपलब्ध हैं।

1419 नर्सेज, 506 लैब तकनीशियन सहित 916 फार्मेसिस्ट व ग्रप डी कर्मचारियों की नियुक्ति होनी है। जिलाधिकारियों को अनुंबध पर इन पदों पर नियुक्ति करने के निर्देश दिए गए हैं।

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