अग्रिम मोर्चे पर तैनात स्वास्थ्यकर्मियों को जोखिम भत्ता देने पर विचार : डॉ. सुधाकर

– एमबीबीएस और नर्सिंग अंतिम वर्ष के विद्यार्थी होंगे कोविड देखभाल केंद्रों में तैनात

बेंगलूरु. चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. के. सुधाकर ने सोमवार को कहा कि कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में अग्रिम मोर्चे पर तैनात स्वास्थ्यकर्मियों को जोखिम भत्ता देने और समूह डी कर्मचारियों का वेतन दुगुना करने पर सरकार विचार कर रही है। इससे स्वास्थ्यकर्मियों का मनोबल बढ़ेगा। दो से तीन दिनों में इस पर निर्णय लिया जाएगा। चिकित्सक, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ सहित सभी कोरोना वॉरियर गत चार महीने से जूझ रहे हैं। मानसिक और शारीरिक रूप से थके हुए हैं। इनके संक्रमित होने का खतरा भी रहता है। ऐसे में जोखिम भत्ता इनका हौसला बढ़ाने की दिशा में एक छोटा कदम है।

नोडल अधिकारी नियुक्त

उन्होंने कहा कि कोरोना के बढ़ते मामलों को नियंत्रित करने के प्रति सरकार प्रतिबद्ध है। गत 24 घंटों में 15 हजार से ज्यादा सैंपल जांचे गए हैं। टेस्टिंग बढ़ाने के लिए सरकार ने एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की है।

एनइइटी परीक्षा में मिल सकते हैं अतिरिक्त पांच अंक

डॉ. सुधाकर ने कहा कि एमबीबीएस और नर्सिंग अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को कोविड देखभाल केंद्रों में तैनात करने की योजना है। सरकार कोविड संबंधित कार्यों में शामिल मेडिकल विद्यार्थियों के लिए एनइइटी परीक्षा में अतिरिक्त पांच अंक देने पर भी विचार कर रही है।

बूथ लेवल टास्क फोर्स समिति के गठन के लिए सभी जिलाधिकारियों के साथ सोमवार को एक बैठक भी हुई। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के प्रसार को रोकने की दिशा में समिति काम करेगी।

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