दरअसल, मोटरयान कानून में 2019 में हुए संशोधन के बाद बिना हेलमेट दुपहिया वाहन चलाने पर एक हजार रुपए के जुर्माने के साथ ही तीन महीने के लिए लाइसेंस निलंबित करने का प्रावधान है। लोगों के विरोध के बाद सरकार ने जुर्माना 50 प्रतिशत घटाकर 500 रुपए कर दिया लेकिन लाइसेंस निलंबित करने के प्रावधान को अभी तक लागू नहीं किया गया था। अभी सिर्फ शराब पीकर वाहन चलाने वालों के लाइसेंस ही छह महीने के लिए निलंबित किए जाते हैं। संशोधित नियमों के मुताबिक दुपहिया पर सवार चार साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए भी हेलमेट लगाना अनिवार्य है।
अधिकारियों के मुताबिक सड़क सुरक्षा पर उच्चतम न्यायालय की ओर से गठित समिति की पिछले सप्ताह हुई वर्चुअल बैठक में नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करने की सिफारिश की गई। परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि दुपहिया वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावना सबसे ज्यादा रहती है इसलिए विभाग ने अदालत की समिति की सिफारिशों के मुताबिक जुर्माने के साथ ही लाइसेंस निलंबित करने के प्रावधान को लागू करने का निर्णय लिया है।
विभाग के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में 1.65 करोड़ पंजीकृत दुपहिया वाहन हैं जिनमें से करीब 60 लाख बेंगलूरु में हैं। शहर में यातयात नियमों के उल्लंघन के सबसे अधिक मामले बिना हेलमेट वाहन चलाने का होता है। इस साल सितम्बर तक बिना हेलमेट वाहन चलाने के करीब 20.7 लाख मामले दर्ज किए गए हैं जबकि इस अवधि में पीछे बैठी सवारी के हेलमेट नहीं लगाने के करीब 12.5 लाख मामले दर्ज हुए। हर साल ऐसे मामलों की संख्या बढ़ रही है।