वृद्ध अभिभावकों के साथ मुद्रांक एवं पंजीकरण कार्यालय पहुंच रहे लोग

पैतृक सम्पत्ति पाने की चिंता

<p>वृद्ध अभिभावकों के साथ मुद्रांक एवं पंजीकरण कार्यालय पहुंच रहे लोग</p>
बेंगलूरु.कोरोना महामारी की तेज रफ्तार के बीच ही शहर के मुद्रांक एवं पंजीकरण कार्यालयों में वृद्ध अभिभावकों से परिवार की अचल संपत्तियों के विभाजन की विल तथा दानपत्र पंजीकृत कराने के लिए भीड़ लग रही है।
पैतृक संपत्ति के विभाजन की चिंता
कोरोना महामारी के संक्रमण के कारण मृतकों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए अब वारिसदारों को पैतृक संपत्ति के विभाजन की चिंता सता रही है। ऐसे परिजन वृद्ध अभिभावकों के साथ मुद्रांक एवं पंजीकरण कार्यालयों में बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं।
इन लोगों का तर्क है कि कोरोना महामारी के कारण परिवार के मुखिया की मौत होने पर पैतृक संपत्ति के विभाजन को लेकर कई कानूनी समस्या पैदा हो सकती है। इस समस्या के समाधान के लिए अभिभावकों से अभी विल पत्र या दानपत्र पंजीकृत किया जा रहा है। गत 5-6 माह से शहर के विभिन्न मुद्रांक तथा पंजीकरण कार्यालयों में बड़ी संख्या में ऐसे दानपत्र पंजीकृत किए गए है।
महामारी के बीच असंवेदनशीलता
कई लोग बीमार चल रहे बुजुर्गों तथा व्हीलचेयर पर सवार अभिभावकों के साथ इन कार्यालयों में पहुंच रहे हैं। ऐसे कार्यालयों में दस्तावेजों के पंजीकरण के लिए टोकन सिस्टम होने के बावजूद अभिभावकों के स्वास्थ्य का हवाला देते हुए शीघ्र पंजीकरण कराने का दबाव डाला जा रहा है।
दानपत्र पंजीकरण सस्ता विकल्प
कानून के तहत अभिभावकों के पंजीकृत विल पत्र या दानपत्र के कारण परिवार की पैतृक संपत्ति पर उस व्यक्ति को अधिकार मिल सकता है। लिहाजा ऐसे दानपत्र के लिए अभिभावकों के साथ यह लोग इन कार्यालयों में दस्तक दे रहे हैं। इस दस्तावेज के पंजीकरण का खर्च भी कम होने के कारण लोग इस विकल्प का चयन कर रहे हैं।
कार्यालय के कर्मचारी चिंतित
इसके अलावा कोरोना महामारी की चिकित्सा के लिए भी कई परिवार अचल संपत्ति गिरवी रखकर ऋण ले रहे हैं। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच ही मुद्रांक तथा पंजीकरण कार्यालयों में लंबी कतारों से इन कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारी चिंतित हैं। इन कार्यालयों के सामने दस्तावेजों की पंजीकरण के लिए भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही है।
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