शिवमोग्गा, चित्रदुर्गा, हावेरी तथा दावणगेरे जिलों में ऐसी अफवाह फैलने के कारण लोगों ने इसे एक अपशकुन मानते हुए घरों के सामने दीपक जलाए थे। डॉ. वीरेंद्र हेगड़े के अनुसार मंजुनाथ स्वामी मंदिर के कपाट प्रतिदिन रात को 8 बजे बंद किए जाने बाद अगले दिन तडक़े 5 बजे खुलते हैं। इस दौरान मंदिर में किसी को प्रवेश ही नहीं दिया जाता। रात 8 बजे के बाद इस मंदिर का अखंड दीपक बुझते देखना किसी के लिए भी संभव नहीं है।
मंदिर का अखंड दीपक हमेशा की तरह प्रज्वलित है। किसी को भी ऐसी अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। उल्लेखनीय है कि श्री क्षेत्रधर्मस्थल के साथ आंध्र प्रदेश के तिरुमला के वेंकटेश्वर मंदिर तथा श्रीशैल में स्थित मल्लिकार्जुन मंदिर में भी अखंड दीपक (नंदादीप) बुझने की अफवाहें फैली थीं।