बारिश में बीआरटीएस सडक़ बनी नहर

हुब्बल्ली-धारवाड़ जुड़वां शहर के बीच शीघ्र संपर्क उपलब्ध करने के लिए लगभग एक हजार करोड़ रुपए की लागत से निर्मित बीआरटीएस सडक़ बारिश में वाहन चालकों तथा राहगीरों की मुसीबत का कारण बन गई है।

<p>बारिश में बीआरटीएस सडक़ बनी नहर</p>

हुब्बल्ली. हुब्बल्ली-धारवाड़ जुड़वां शहर के बीच शीघ्र संपर्क उपलब्ध करने के लिए लगभग एक हजार करोड़ रुपए की लागत से निर्मित बीआरटीएस सडक़ बारिश में वाहन चालकों तथा राहगीरों की मुसीबत का कारण बन गई है।


लोगों का आरोप है कि तेज बारिश होने पर चिगरी बसों के लिए आरक्षित पृथक मार्ग तथा बगल की सडक़ भी जगह-जगह जलमग्न हो जाती है। सडक़ किनारे निर्मित भूमिगत नालियों में बारिश का पानी सडक़ों पर बह रहा है। विद्यानगर, साईंनगर क्रास, होसूर क्रास, उणकल तालाब, सना कालेज, धारवाड़ के टोल नाका समेत विभिन्न जगहों पर बारिश से नहर बनी सडक़ें घटिया तथा अवैज्ञानिक कार्य का सबूत हैं।

बारिश का पानी सडक़ों पर ही जमा होने के लिए अधूरे कार्य के साथ उद्घाटन से पूर्व ही मलबा भरी भूमिगत नालियां भी कारण हैं। विद्यानगर तथा साईंनगर क्रास में निर्मित नालियों में गाद भरने से सडक़ पर बारिश का पानी बह रहा है। चिगरी बसों के परिवहन करने वाले मार्ग पर बारिश का पानी बहकर नाली में जाने के लिए किए गए छेद भी बंद हो गए हैं। बारिश के रुकने के दो-तीन दिन बाद भी पानी सडक़ पर ही जमा रहता है।

दुपहिया वाहन चालकों को समस्या
बीआरटीएस तथा लिंक रोड को संपर्क करने वाली जगह पर ही आमतौर पर पानी जमा होने से नहर बन जाती है। इस जगह पर गड्ढे होने से बारिश में दुपहिया वाहन चालकों के लिए वाहन चलाना चुनौती बना है। थोड़ी सी भी गलती होने पर गिरना निश्चित है। राजेश मोसले, दुपहिया वाहन चालक

अवैज्ञानिक योजना
बीआरटीएस बेहद अवैज्ञानिक योजना है। सडक़ के बगल में नाली का निर्माण करने के बाद भी सडक़ पर पानी बहता है तो क्या कहें समझ में नहीं आ रहा है। यहां आंखों को कुछ दिखाई दे रहा है और वास्तविकता कुछ और ही है। ऐसी अवैज्ञानिक नालियों पर खर्च किए गए 150 करोड़ रुपए तथा बीआरटीएस के लिए एक हजार करोड़ रुपए खर्च किया है।

सडक़, नालियां समेत हर योजना के लिए आपसी लिंक को नहीं समझकर मनचाहा कार्य करने पर क्या होता है इसके लिए बीआरटीएस तथा सीआरएफ सडक़ सबूत हैं। जनप्रतिनिधियों में दूरदर्शिता की कमी तथा अधिकारियों की लापरवाही ही इसके लिए कारण बनी है।
सुभाष सिंह जमादार, सामाजिक कार्यकर्ता

बीआरटीएस निर्माण के बाद यह समस्या आरम्भ हुई है। इससे पूर्व बारिश का पानी बगल की नालियों में सही तौर बहता था। बीआरटीएस के घटिया कार्य से नाली का पानी भी सडक़ पर बह रहा है।
विनोद डंबल, निवासी, नवनगर

जलमग्न सडक़ पर कई बार पानी ऑटो रिक्शा में भी घुसने लगता है। गड्ढों वाली जगह पर पहिए फंसने से कई बार जूझना पड़ता है। हजारों रुपए खर्च कर सडक़ का निर्माण करते हैं परन्तु बारिश का पानी सडक़ पर ही जमा होने को छोड़ा है। – अब्दुल माणिक, ऑटो रिक्शा चालक

अतिक्रमण से समस्या
बारिश का पानी बहने वाले नालों को कुछ जगहों पर निर्धारित माप से बेहद छोटा निर्माण किया गया है। इसके लिए अतिक्रमण ही कारण है। इसके चलते धारवाड़ के टोल नाका तथा हुब्बल्ली के कई जगहों पर बारिश का पानी आसानी से नाले में नहीं जा रहा है। इस बारे में हाल ही में संबंधित अधिकारियों के साथ मैं तथा महानगर निगम आयुक्त प्रशांत कुमार मिश्रा ने बैठक की है। सही नाप में नालियों का निर्माण करने को कहा है। जरूरत जहां है वहां मरम्मत कार्य कर, सडक़ पर पानी नहीं रुके इस पर ध्यान रखने के निर्देश दिए गए हैं।राजेंद्र चोळन, प्रबंध निदेशक, बीआरटीएस

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