बेलगावी जिले के राजनीतिक मामलों में जल संसाधन मंत्री डी के शिवकुमार के दखल से नाराज जारकीहोली बंधु अपनी मांगें मंगवाने की हठ पर अड़े हैं। ये अपने समर्थकों के लिए मंत्री पद के साथ ही प्रदेश संगठन में महत्वपूर्ण पद चाहते हैं। जारकीहोली बंधुओं की नाराजगी को भुनाने की कोशिश भाजपा भी कर रही है। सियासी गलियारों में ऑपरेशन कमल की चर्चा एक बार फिर से हो रही है। सतीश ने कहा कि १५ दिन में राज्य की राजनीतिक तस्वीर बदल सकती है। वे पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या के विदेश प्रवास से लौटने पर अगले कदम के बारे में निर्णय लेंगे।
सरकार गिरी तो भाजपा जिम्मेदार नहीं : शोभा
भाजपा की सांसद शोभा करंदलाजे ने कहा कि राज्य में सत्तारूढ़ जद-एस और कांग्रेस गठबंधन सरकार यदि गिर जाती है तो इसके लिए भाजपा जिम्मेदार नहीं होगी। उन्होंने मंगलवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भाजपा के पास केवल 104 विधायक हैं लिहाजा पार्टी के पास सरकार बनाने के लिए बहुमत नहीं है। लेकिन यदि आने वाले दिनों में आपसी संघर्ष व गुटबाजी के कारण कांग्रेस के कुछ विधायक इस्तीफा देते हैं तो यह उनकी समस्या है और भाजपा का उससे कोई सरोकार नहीं है।
उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार के पतन का समय निकट आ रहा है और उनके अंदरुनी कलह के कारण ही सरकार गिरेगी। भाजपा के पांच विधायकों के पार्टी छोडऩे के संबंध में मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के बयान पर प्रतिक्रिया में उन्होंने कहा कि पार्टी के सभी 104 विधायक एकजुट हैं। हम ऐसी कोशिशों के आगे नहीं झुकेंगे।
सरकार गिरी तो हाथ बांधकर नहीं बैठेंगे: रवि
बेंगलूरु. भाजपा के प्रदेश महासचिव विधायक सी.टी. रवि ने कहा हैकि राज्य में सत्तासीन गठबंधन सरकार को गिराने की भाजपा कोई कोशिश नहीं करेगी, लेकिन यदि आंतरिक कलह के कारण यह सरकार गिर जाती है तो उस स्थिति में हम हाथ बांधकर नहीं बैठेंगे।
रवि ने मंगलवार को विधानसौधा में भाजपा विधायक दल के कार्यालय में संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। इसी पार्टी के विधायक सरकार के प्रति नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं और नित नए घटनाक्रम चल रहे हैं। हम सरकार को गिराने की कोशिश नहीं करेंगे, मगर सरकार स्वत: गिर जाती है तो पार्टी की सरकार के गठन के बारे में समुचित निर्णय किया जाएगा।
उन्होंने एक सवाल पर कहा कि कांग्रेस के नेताओं के भाजपा के विधायकों के साथ चर्चा नहीं करने का कोई नियम नहीं है। जब भारत-पाकिस्तान के साथ बातचीत कर सकता है तो एक राजनीतिक पार्टी के नेताओं का दूसरी पार्टी के नेताओं के साथ बातचीत करना कोई बड़ी बात नहीं है।
यदि हमारी सरकार सत्ता में आती है तो हम स्वार्थ के बजाय लोगों को क्या चाहिए, इस बारे में चिंतन करेंगे। एक सवाल पर कहा कि यदि शिवकुमार के सभी लेनदेन पारदर्शक तरीके से हुए हैं तो उनको अनावश्यक डर क्यों लग रहा है? आयकर अधिकारी कानून के अनुसार कदम उठा रहे हैं।