स्वास्थ्य विभाग के रविवार तक के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 69,297 लोग अब भी होम क्वारंटाइन हैं। इनमें से 23,184 लोगों ने गलत पते के साथ पंजीकरण कराया है। जिसके कारण स्वास्थ्य विभाग और बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका की टीम के लिए इन लोगों तक पहुंचना आसान नहीं हैं। इनकी निगरानी भी नहीं हो पा रही है।
घर में हैं या नहीं
रविवार को करीब 13 हजार लोग होम क्वारंटाइन स्क्वॉड में शामिल हुए। क्वारंटाइन निगरानी ऐप के जरिए इन तक क्षेत्र अनुसार क्वारंटाइन लोगों की जानकारी पहुंचती है। जिसके बाद योजनाबद्ध तरीके से होम क्वारंटाइन स्क्वॉड लोगों के घर पहुंच कर सुनिश्चित करती है कि क्वारंटाइन किए गए लोग घर में हैं या नहीं।
होम क्वारंटाइन की स्टैंप भी नहीं थी
स्क्वॉड के सदस्य सुबीर सहगल ने बताया कि कुछ दिन पहले यलहंका के एक अपार्टमेंट में जब वे निगरानी के लिए पहुंचे तो कुछ लोग पार्टी कर रहे थे। उन्होंने लोगों से जब कहा कि वे क्वारंटाइन हैं और इस तरह नियमों का उल्लंघन नहीं कर सकते हैं तब घर के मालिक ने पुष्टि की कि गत छह महीने से वे या उनके परिवार का कोई भी सदस्य बेंगलूरु से बाहर नहीं गए हैं, तो होम क्वारंटाइन में रहने का सवाल ही नहीं उठता। सहगल ने जब सब के हाथों की जांच की तो किसी के हाथ पर होम क्वारंटाइन की स्टैंप भी नहीं थी। तब जाकर सहगल को अहसास हुआ कि पंजीकरण कराते समय किसी ने गलत पता दिया है।
गलत पता देने वालों की संख्या हजारों में
कोविड वॉर रूम के कार्यवाहक नोडल अधिकारी मुनीश मौदगिल ने भी पुष्टि की कि गलत पता देने वालों की संख्या हजारों में है और ऐसे लोग विभाग के लिए सिर दर्द बने हुए हैं। उन्होंने बताया कि लोग क्वारंटाइन नियम तोडऩे से भी बाज नहीं आ रहे हैं। अब तक नियमों के उल्लंघन के कुल 1,61,277 मामले सामने आए हैं।