रोडवेज कर्मियों को भूखे पेट करने पड़ रही नौकरी, काटा हंगामा

कोरोना फाइटर अर्थात रोडवेज कर्मी, चालक परिचालकों को भूखे पेट ही काम करने के लिए ड्यूटी पर भेज दिया गया और कल शाम से आज तक उन्हें खाना नहीं दिया गया.

<p>रोडवेज बस</p>
बांदा. कोरोना वायरस से सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रवासी मजदूरों को श्रमिक ट्रेनों से जनपद बांदा में लाया जा रहा है और रोडवेज कर्मचारियों के माध्यम से रोडवेज बसों द्वारा उनके गांव तक छोड़ने का काम किया जा रहा है, लेकिन इस विषम परिस्थिति में बांदा रोडवेज डीपो के अधिकारियों की संवेदनहीनता नजर आई है। कोरोना फाइटर अर्थात रोडवेज कर्मी, चालक परिचालकों को भूखे पेट ही काम करने के लिए ड्यूटी पर भेज दिया गया और कल शाम से आज तक उन्हें खाना नहीं दिया गया, जिसको लेकर रोडवेज कर्मचारियों ने आज बस स्टॉप पर हंगामा काटा है।
मामला बांदा के रोडवेज बस स्टॉप का है, जहां रोडवेज चालक परिचालक ने आरोप लगाते हुए कहा है कि ड्यूटी पर हम लोगों को भेजा गया, लेकिन कल शाम से आज तक खाने के लिए भोजन की व्यवस्था नहीं की गई है। हम लोग भूखे पेट कहां तक काम करें और संबंधित अधिकारियों से अगर कहते हैं, तो वेतन काट लेने और नौकरी से निकाल देने की धमकी भी दे डालते हैं।
एक तरफ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार कोरोना फाइटर्स अर्थात इस विषम परिस्थिति में सहयोग प्रदान करने वाले कर्मचारियों के साथ सहूलियत बरतने का निर्देश देती है वहीं दूसरी तरफ बांदा के रोडवेज प्रशासन के द्वारा अपने कर्मचारियों को भूखे पेट ही काम पर भेज दिया जाता है । रोडवेज कर्मचारी चालक राम मनोहर यादव ने बताया है कि कल शाम से हम लोग ड्यूटी पर निकले हैं अभी तक खाने पीने की कोई व्यवस्था रोडवेज प्रशासन की ओर से नहीं की गई । इस हालात में भूखे पेट कैसे काम किया जा सकता है। अगर अपनी समस्या संबंधित अधिकारियों से कहते हैं तो वेतन कटौती और नौकरी से निकाल देने की व संविदा समाप्त करने की धमकी देते हैं। रोडवेज कर्मचारियों के हंगामा काटने के संबंध में अपना बचाव करते एआरएम परमानंद ने बताया है कि हां अव्यवस्थाएं जरूर फैली है क्योंकि जनपद में श्रमिको को लेकर के एक श्रमिक ट्रेन अधिक आ गई है जिसकी जानकारी हमें नहीं थी जिस पर अव्यवस्था फैली है हालांकि हम लोग भोजन की व्यवस्था इनके लिए करवा रहे हैं ।
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