हाथरस के बाद अब बलरामपुर में दलित छात्रा संग हैवानियत, कमर और दोनों पैर तोड़ने का आरोप, घर पहुंचते ही मौत

Highlights
-हाथरस में गैंगरेप मामले को लेकर देशभर में उबाल के बीच यूपी के बलरामपुर में भी दलित युवती के संग हैवानियत
-मामले में दो आरोपी गिरफ्तार, पूरा इलाका छावनी में तब्दील, परिवार ने लगाया गैंगरेप का आरोप
-पोस्टमार्टम के बाद किया गया अंतिम संस्कार

<p>Gangrape case</p>
बलरामपुर। हाथरस में गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद देशभर में उबाल शांत हुआ नहीं कि अब बलरामपुर में भी दलित युवती के साथ हैवानियत का मामला सामने आया है। जिसमें परिजनों का आरोप है कि 22 वर्षीय दलित छात्रा का गैंगरेप कर आरोपियों ने उसकी कमर और दोनों पैर तोड़ दिए। इसके बाद रिक्शे में बैठाकर आरोपियों ने पीड़िता को घर भेज दिया, जहां कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि गांव के ही 5-6 लड़कों ने मृतका का अपहरण कर वारदात को अंजाम दिया है। पुलिस ने मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वहीं बलरामपुर एसपी देव रंजन वर्मा का कहना है कि हाथ पैर और कमर तोड़ने वाली बात सही नहीं है। इसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पुष्टि नहीं हुई है। वहीं पोस्टमार्टम के बाद देर रात पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
पीड़िता की मां का आरोप है कि आरोपियों ने पहले उनकी बेटी को इंजेक्शन लगाया और फिर गैंगरेप कर उसकी कमर और दोनों टांगों को तोड़ दिया। फिर रिक्शे पर बैठाकर घर भेज दिया। घर पहुंचने पर वह कुछ भी बोल नहीं पा रही थी और उसने सिर्फ इतना कहा कि, ‘बहुत दर्द है अब मैं बचूंगी नहीं।’ परिजनों का आरोप है कि छात्रा 29 सितंबर की सुबह करीब 10 बजे बीकाॅम में एडमिशन कराने घर से निकली थी लेकिन वह घर नहीं लौटी। शाम करीब 5 बजे उसकी खोजबीन शुरू हुई। शाम को करीब 7 बजे वह एक रिक्शे से बुरी तरह से घायल अवस्था में घर पहुंची। हालत देख जब घर वालों ने पूछताछ की तो वह दर्द से कराहने लगी।
गंभीर चोटों के चलते हुई मौत

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गैगरेप के बाद युवती के आंतरिक और बाहरी अंगों में काफी चोटें थीं। जिसके चलते ही उसकी मौत हो गई। वहीं घटना पर पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा ने जानकारी दी कि मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। घटना की गहनता से जांच की जा रही है। गिरफ्तार आरोपियों के नाम शाहिद और साहिल है। आरोप है कि दोस्ती के बहाने घटना को अंजाम दिया गया। मामले की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि संयुक्त जिला चिकित्सालय स्थित पोस्टमॉर्टम हाउस में पीड़िता का करीब 6 घंटे तक पोस्टमार्टम 4 डाक्टरों के पैनल ने किया। बलरामपुर के सीएमओ को भी पोस्टमार्टम हाउस तक आना पड़ा। देर शाम युवती का शव परिजनों को सौंप दिया गया।
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