विकास कार्यों के नाम पर धन का बन्दरबांट, लाखों रुपये चढ़ गया भ्रष्टाचार की भेंट

विकास की बाट जोह रहे ग्रामीणों ने उच्चाधिकारियों से शिकायत की है।

<p>विकास कार्यों के नाम पर धन का बन्दरबांट, लाखों रुपये चढ़ गया भ्रष्टाचार की भेंट</p>

बलरामपुर. गांवों की मूलभूत समस्याओं को दूर करने और विकास कार्यों में तेजी लाने के लिये योगी सरकार भले ही पैसे पानी की तरह बहा रही हो लेकिन जड़ तक जमा भ्रष्टाचार सरकारी प्रयासों पर पानी फेर रहा हैं। यह हाल है देश के अति पिछड़े जिलों में में से एक बलरामपुर का। जिसे मोदी सरकार एस्पेरेशनल डिस्ट्रिक्ट का दर्जा दे चुकी है। विकास की बाट जोह रहे ग्रामीणों ने उच्चाधिकारियों से शिकायत की है।


जिला मुख्यालय से चन्द किलोमीटर की दूरी पर स्थित है ग्राम बरईपुर। प्रदेश के आठ सबसे पिछड़े जिलो में शामिल बलरामपुर को मोदी सरकार ने एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट का दर्जा दिया है। गांव में घुसते ही पता चल जायेगी कि लोग कितना त्रस्त हैं। ग्रामीण पप्पू दुबे ने बताया कि गांव में न तो नाली है न खड़न्जा। गलियों में पानी भरा है। लोगों को अपने घर से निकलने में काफी दिक्कतों को सामना करना पड़ता है। इस गांव में अभी भी लकड़ी के जर्जर पोल पर बिजली के तार लटक रहे है जो किसी बड़ी दुर्घटना को दावत देते हैं। इन्डिया मार्का नल पानी में डूबा है लोग कुएं का दूषित पानी पीने को मजबूर है। पूरा गांव आये दिन बीमारियों से जूझता है।

नीति आयोग की निगरानी में इस जिले का कायाकल्प करने के लिये सरकार हर सम्भव प्रयास कर रही है लेकिन जड़ में जमा भ्रष्टाचार सरकार के प्रयासों पर पानी फेर रहा है। ऐसा नही है कि इस गांव को विकास के लिये सरकारी धन नहीं उपलब्ध कराये गये। ग्रामीण करुणेश शुक्ल ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में इस गांव में नाली, खड़न्जा, पेयजल और शौचालय के लिये 58 लाख रुपये खर्च किये गये लेकिन काम कुछ भी नहीं हुआ। यह सारा धन भ्रष्टाचार की भेंट चढ गया। वर्तमान प्रधान गुड़िया देवी के पुत्र, सास व ससुर के नाम से भी जाब कार्ड बना है। स्कूली छात्रों के नाम भी जाबकार्ड पर दर्ज कराकर फर्जी भुगतान किया जा रहा है। ग्रामीणों ने डीएम से मिलकर ग्राम प्रधान पर गबन का आरोप लगाते हुये जांच कराये जाने की मांग की है। जिलाधिकरी कृष्णा करुणेश ने बताया कि ग्राम वासियों ने एक शिकायती प्रार्थना पत्र दिया है। ग्राम बरईपुर में हुए विकासकार्य की जांच सक्षम अधिकारी से कराई जाएगी। यदि किसी भी प्रकार का गबन या भ्रष्ट्राचार हुआ होगा तो संबंधित के विरुद्ध आवश्यक वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। आपको बता दें कि विकास कार्यों के नाम पर धन की बन्दरबांट को लेकर यह जिला हमेशा से सुर्खियों में रहा है। मनरेगा को लेकर सीबीआई जांच भी चल रही है लेकिन इसके बावजूद विकास के नाम पर भ्रष्टाचार का खुला खेल खेला जा रहा है जिस पर शासन प्रशासन अंकुश नहीं लगा पा रहा है।

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