मनरेगा के काम में फर्जी हाजिरी से राशि हड़पी, जांच टीम ने सीईओ को सौंपी रिपोर्ट

डौंडीलोहारा जनपद क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत बडग़ांव में मस्टररोल में 70 से ज्यादा लोगों के नाम की फर्जी हाजिरी लगाए जाने के मामले में गड़बड़ी पकड़ी गई है। जांच टीम ने अपना प्रतिवेदन सीईओ को सौप दिया है।

<p>मनरेगा के काम में फर्जी हाजिरी से राशि हड़पी, जांच टीम ने सीईओ को सौंपी रिपोर्ट</p>
बालोद. मनरेगा के तहत हुए कार्यों में मस्टररोल में फर्जी हाजिरी लगाकर राशि आहरण मामले में गड़बड़ी पकड़ी गई है। जांच टीम ने अपना प्रतिवेदन सीईओ को सौप दिया है। जांच में यह बात सामने आई है कि मनरेगा के तहत आंगनबाड़ी भवन निर्माण एवं पौधारोपण कार्यों में फर्जी हाजिरी लगाकर राशि निकाली गई है। अब राशि की वसूली के लिए सयुंक्त रूप से सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक तथा मेट पर कार्रवाई की जाएगी।
70 से ज्यादा लोगों के नाम लगाई गई थी फर्जी हाजिरी
गौरतलब हो कि डौंडीलोहारा जनपद क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत बडग़ांव में मस्टररोल में 70 से ज्यादा लोगों के नाम की फर्जी हाजिरी लगाए जाने का बड़ा मामला 30 जुलाई 2018 को सामने आया था। उक्त गंभीर मामले पर पत्रिका ने प्रमुखता से समाचार का प्रकाशन किया था। मामला सामने आते ही गांव के 400 से ज्यादा ग्रामीणों ने डौंडीलोहारा थाना एवं समाचार प्रकाशन के बाद जिला सयुंक्त कार्यालय पहुंच कलक्टोरेट का घेराव कर मामले की जांच कर संबंधित लोगों पर कार्यवाही करने मांग की थी। उसके बाद अपर कलक्टर एके धृतलहरे ने जांच टीम गठित की थी। जांचकर्ता में केएल यदु करारोपण अधिकारी, डीएल ध्रुव अनुविभागीय अधिकारी ग्रामीण यांत्रिकी तथा नीरज शर्मा कार्यक्रम अधिकारी (मनरेगा) डौंडीलोहारा थे।
1 लाख 23 हजार 668 रुपए की जाएगी रिकवरी
30 जुलाई 2018 को जांच टीम का गठन करने के बाद टीम द्वारा ग्राम बडग़ांव के ग्रामीणों की शिकायत पर सभी का बयान दर्ज किया गया। जांच में यह बात सामने आई कि आंगनबाड़ी भवन निर्माण कार्य के लिए वर्ष 2016-17 में 6 लाख 45 हजार रुपए स्वीकृत किया गया था, जिसके तहत मजदूरी भुगतान 83 हजार 248 रुपए किया गया, किंतु जांच में यह बात सामने आई की 72 हजार 68 रुपए की मजदूरी राशि जिन मजदूरों के नाम पर भुगतान दर्शाया गया है उन मजदूरों द्वारा आंगनबाड़ी भवन निर्माण में काम नहीं किया है। इसके आलावा 2015-16 में पौधारोपण के अंतर्गत 51 हजार 600 रुपए की मजदूरी भुगतान जिन मजदूरों को किया गया हैं उनके द्वारा भी इसमें काम नहीं कना पाया गया। जांच में यह सहीं पाया गया कि फर्जी तरीके से मस्टररोल जारी कर मजदूरी भुगतान किया गया है। जिसके लिए सयुंक्त रूप से सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक तथा मेट जिम्मेदार है।
सरपंच की मनमानी से त्रस्त ग्रामीण
पंचायत बडग़ांव में आश्रित गांव खड़ेना व कोहकाभाठा भी है। इस पंचायत में कुल 19 वार्ड हैं। पंचायत बडग़ांव के सरपंच दीपक ठाकुर की कार्यप्रणाली तथा मनमानी ढंग से कार्य किए जाने को लेकर ग्रामीण के साथ ही सभी पंच भी त्रस्त हैं। ग्राम प्रमुख चमरू राम ठाकुर ने बताया सरपंच दीपक द्वारा लगातार मनमानी करते हुए शासन के पैसों का दुरुपयोग किया जा रहा है। जांच कर सरपंच के खिलाफ कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए।
2016 में सरपंच के खिलाफ लाया गया था अविश्वास प्रस्ताव
उपसरपंच संतुराम साहू ने बताया की 2016 में सरपंच दीपक कुमार ठाकुर की कार्यप्रणाली एवं मनमानी तरीके से कार्य कराए जाने को लेकर 14 पंचों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया था, पर अपने रसूख का इस्तेमाल करते हुए कुछ पंचों को पैसों से तथा डरा-धमकाकर अपनी तरफ कर लिया था जिसके बाद से सरपंच की मनमानी से ग्रामीणों में भारी नाराजगी है। उपसरपंच संतुराम ने बताया की सरपंच दीपक द्वारा पंचायत में बैठक के दौरान किसी भी प्रकार से कोई जानकारी नहीं दी जाती।
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