ग्राम पंचायत रिगवन में जिलाधिकारी के निर्देश पर कोटे की दुकान की खुली बैठक कराकर स्वयं सहायता समूह के सक्रिय सदस्य को आवंटित करनी थी। जिलाधिकारी के निर्देश के अनुपालन में खण्ड विकास अधिकारी रमेश कुमार यादव तय तिथि के अनुसार सोमवार को पहुंचे। जहां पर खुली बैठक में ग्रामीणों का बिरोध का सामना करना पड़ा। चुनाव अधिकारी के अनुसार गांव में एक ही सक्रिय समूह था। जबकि ग्रामीणों का आरोप था कि एक और सक्रिय समूह है। ग्रामीणों के अनुसार विडियों द्वारा लेटर जारी करने के समय तक ग्राम पंचायत में एक भी सक्रिय समूह नही था। आनन फानन में अधिकारियों की मिली भगत से 2 सितम्बर को खाता संचालन कर उसी दिन प्रधान के करीबी के खाते का एमआईएस कर दिया गया।
यह जानकारी जब ग्रामीणों को हुई तो उन्होंने 4 सितंबर को खाता का संचालन कराकर जब एमआईएस कराने पहुंचे तो टाल मटोल कर दिया गया। इसी बात को लेकर लामबंद ग्रामीणों ने विडियों व चुनाव कर्मचारियों को बंधक बनाकर नारेबाजी करने लगे। सुचना पर पहुंची पुलिस ने मामले को भापते हुए विडिओ से अग्रिम आदेश तक निरस्त की घोषणा कराकर पुलिस ने बंधक से मुक्त कराया।