कोरोना काल में रोजगार देने में अव्वल, भुगतान में पिछड़ा

दो माह से मनरेगा का भुगतान अटका, परेशान हो रहे ग्रामीण, भोपाल से ही नहीं हो पाया भुगतान, मजदूरी भुगतान के इंतजार में ग्रामीण

<p>कोरोना काल में रोजगार देने में अव्वल, भुगतान में पिछड़ा</p>
बालाघाट. कोरोना काल में रोजगार देने में बालाघाट जिला अव्वल रहा, लेकिन मजदरों को भुगतान के मामले में यह जिला पिछड़ रहा है। दो माह से अधिक समय बीत गया, लेकिन मनरेगा से भुगतान नहीं हो पाया है। आलम यह है कि ग्रामीण मनरेगा के भुगतान का इंतजार कर रहे हैं। बताया गया है कि मजदूरी का भुगतान भोपाल से ही नहीं हो पाया है। जिसके कारण मजदूरों को भुगतान के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। मनरेगा का खजाना खाली हो गया है। जिसके कारण न तो मजदूरों को भुगतान किया जा रहा है और न ही पंचायतों में किए गए निर्माण कार्यों का। इधर, वर्षा ऋतु होने के चलते लोगों के पास रोजगार की समस्या बनी हुई है। वहीं दूसरी ओर मप्र पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी-कर्मचारी हड़ताल पर हैं। जिसके कारण भी मौजूदा समय में भुगतान की कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है।
जानकारी के अनुसार मनरेगा के तहत जिले में ८ करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान लंबित है। जिसमें ३५ लाख २६ हजार रुपए मजदूरी का और ७ करोड़ ६९ लाख ३७ हजार रुपए सामग्री का भुगतान शामिल है। यह भुगतान दो माह से अधिक समय से लंबित पड़ा हुआ है। पैसों की आस लिए जिन ग्रामीणों को मनरेगा से रोजगार मिला था, उन्हें समय पर भुगतान नहीं हो पा रहा है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मई और जून माह से शासन स्तर से भुगतान लंबित है। भोपाल स्तर से राशि खाते में जमा नहीं की जा रही है। जिसके कारण ग्रामीणों को समय पर भुगतान नहीं मिल पाया है। हालांकि, अनेक बार ग्रामीणों ने मजदूरी का भुगतान किए जाने की मांग की है। बताया गया है कि कोरोना काल के समय में बालाघाट जिला रोजगार देने के मामले में प्रदेश में अव्वल था, लेकिन मजदूरी भुगतान में यह जिला पिछड़ रहा है। हालांकि, अनेक बार जनप्रतिनिधियों द्वारा मनरेगा से मजदूरी भुगतान को लंबित नहीं रखे जाने के आदेश व निर्देश दिए गए, लेकिन यह केवल कोरा ही साबित हुआ है।
दो माह से बनी है समस्या
बताया गया है कि कोराना काल के दौरान अनेक मजदूरों को भुगतान किया गया। इस दौरान कम ही कार्य हुए और ग्रामीणों को रोजगार भी कम मिला। लेकिन जिन ग्रामीणों को रोजगार मिला है, उन्हें करीब दो माह से भुगतान नहीं हो पा रहा है। शासन का खजाना खाली होने के कारण इस तरह की समस्या उत्पन्न हो रही है।
मजदूरी में परसवाड़ा तो सामग्री के भुगतान पर बैहर पिछड़ा
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले के परसवाड़ा विकासखंड का सर्वाधिक मजदूरी भुगतान लंबित है। इस विकासखंड में ५ लाख ७६ हजार रुपए का मजदूरी भुगतान होना शेष है। इसी तरह बिरसा में ३.९९ लाख, बैहर में २.९४ लाख, खैरलांजी में २.२ लाख रुपए का भुगतान बकाया है। इसी तरह अन्य विकासखंडों में भी मनरेगा का भुगतान नहीं हो पाया है। वहीं सामग्री भुगतान की बात करें तो सबसे अधिक भुगतान बैहर विकासखंड का शेष है। इस विकासखंड में एक करोड़ ५९ लाख ४९ हजार रुपए का सामग्री भुगतान नहीं हो पाया है। इसके अलावा एक करोड़ ४६ लाख ३ हजार रुपए खैरलांजी विकासखंड सहित अन्य विकाखंडों का भी लाखों रुपए का सामग्री का भुगतान अटका पड़ा हुआ है।
कर्मचारियों की हड़ताल से नहीं हो रहे कार्य
इधर, पंचायत विभाग के अधिकारी-कर्मचारी पिछले ९ दिनों से हड़ताल पर है। जिसके कारण भी भुगतान की प्रक्रिया नहीं हो पा रही है। जबकि मौजूदा समय में ग्रामीणों को भुगतान की आवश्यकता है, ऐसे में उन्हें समय पर राशि नहीं मिलने से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.