जिले के 640 ग्रामों में नहीं है नल-जल योजनाएं

519 ग्रामों में योजना के क्रियान्वयन के लिए तैयार किए जा रहे डीपीआर, 117 नल-जल योजनाओं का समय-सीमा में नहीं हो पाया है कार्य

<p>जिले के 640 ग्रामों में नहीं है नल-जल योजनाएं</p>
बालाघाट. हर घर शुद्ध पेयजल। यह नारा केवल कागजों तक ही सिमट कर रह गया है। दरअसल, जिले के ६४० गांव ऐसे हैं, जहां पर अभी तक नल-जल का क्रियान्वयन नहीं हो पाया है। ११७ गांवों में प्रशाासन ने नल-जल योजनाओं का कार्य तो शुरू किया है, लेकिन संबंधित ठेकेदारों द्वारा समय-सीमा में उसका कार्य पूरा नहीं कर पाए हैं। हालांकि, प्रशासन द्वारा जिले के ५१९ गांवों में योजना का क्रियान्वयन किए जाने के लिए डीपीआर तैयार किया जा रहा है। जिसे शासन के समक्ष स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा।
जानकारी के अनुसार जिले में सर्वाधिक पानी की समस्या जिले के आदिवासी अंचलों और पठार क्षेत्र में बनी रहती है। इनमें से कुछेक गांवों में नल-जल योजनाएं तो हैं, लेकिन गांव में प्रत्येक घरों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। जिसके कारण ग्रामीणों को दूर से ढोकर पानी लाना पड़ता है। यह समस्या वर्षों से बनी हुई है, लेकिन इसका अभी तक स्थायी समाधान नहीं हो पाया है। इधर, विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले के 607 ग्रामों में नल-जल योजना से पेयजल प्रदाय किया जा रहा है और 640 ग्राम नल-जल योजना से विहीन है। इन 640 ग्रामों में से 121 ग्रामों की योजना पर कार्य चल रहा है और 519 ग्रामों की नल-जल योजना के डीपीआर 30 अक्टूबर तक भोपाल स्वीकृति के लिए भेज दिए जाएंगे। 15 ठेकेदारों द्वारा जिले में निर्माणाधीन 117 नल-जल योजनाओं के कार्य समय सीमा से बाहर हो चुके है।
समय सीमा पर कार्य नहीं करने वाले ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश
उल्लेखनीय है कि कलेक्टर डॉ गिरीश कुमार मिश्रा ने १२ अक्टूबर को जिला जल व स्वच्छता मिशन की बैठक में नल-जल योजनाओं की समीक्षा की थी। बैठक में जल जीवन मिशन के अंतर्गत जिले के ग्रामों में संचालित और निर्माणाधीन नल-जल योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। इस दौरान कलेक्टर डॉ मिश्रा ने नल-जल योजना का कार्य समय सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन योजनाओं का कार्य समय सीमा में पूर्ण नहीं होगा उनके ठेकेदार पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने क्षेत्र में बन रही नल-जल योजना के कार्यों का सतत निरीक्षण करें। जो नल-जल योजना पूर्ण हो गई हैं उन्हें ग्राम पंचायत को शीघ्र हस्तांतरित करें। जिन ग्राम प्रधान द्वारा नल-जल योजना को हस्तांरित नहीं किया जाएगा उन्हें पद से पृथक करने की कार्रवाई की जाएगी।
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