कंटेनमेंट क्षेत्र की सीसीटीवी से होगी निगरानी

21 दिन तक नया मरीज नहीं मिलने पर ही घोषित होगा सामान्य क्षेत्र, बैठक में कलेक्टर ने दिए निर्देश

<p>कंटेनमेंट क्षेत्र की सीसीटीवी से होगी निगरानी</p>
बालाघाट. जिले में कोरोना संक्रमित ०३ व्यक्तियों के मिलने के बाद जिला प्रशासन और अधिक सर्तक व सजग हो गया है। अब जिस स्थान से कोरोना संक्रमित पाए गए हैं उसे कंटेनमेंट एरिया से संक्रमण बाहर ने फैले इसके लिए व्यापक स्तर पर तैयारियां की जा रही है। इसी कड़ी में शनिवार को कलेक्टर दीपक आर्य की अध्यक्षता में जिले के सभी एसडीएम, एसडीओपी एवं जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी, अपर कलेक्टर राघवेन्द्र सिंह, जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी रजनी सिंह, सहायक कलेक्टर अक्षय तेम्रावाल, दिलीप सिंह उपस्थित थे।
कलेक्टर आर्य ने बैठक में अधिकारियों से कहा कि इस बात का ध्यान रखना है कि कंटेनमेंट क्षेत्र अधिक बड़ा न हो और मरीज किस-किस क्षेत्र में गया है वे स्थान इसमें शामिल हो। संक्रमित मरीज की कांटेक्ट ट्रेसिंग करने के बाद ही कंटेनमेंट एरिया बनाना है। कंटेनमेंट क्षेत्र में मरीज के घर के आसपास के ४० से ५० घरों को शामिल करना है। जिससे उस क्षेत्र के सभी लोगों के स्वास्थ्य सर्वे में आसानी हो सकेगी। कंटेनमेंट क्षेत्र को छोड़कर शेष ग्राम को बफर जोन घोषित करना है। जिस क्षेत्र को कंटेनमेट क्षेत्र घोषित कर दिया गया है उस पर कड़ी निगरानी रखना है और लोगों को घर से बाहर नहीं निकलने देना है। कंटेनमेंट क्षेत्र के लोगों को खेत और बाड़ी आदि में भी नहीं जाना है। लोगों को यह बात भी समझाना है कि यह सब उनकी जीवन रक्षा के लिए किया जा रहा है। कंटेनमेंट क्षेत्र से २१ दिनों तक कोई भी नया संक्रमित व्यक्ति मरीज नहीं मिलने पर ही उस क्षेत्र से पाबंदियां हटाकर उसे सामान्य क्षेत्र घोषित किया जाएगा। कंटेनमेंट क्षेत्र में पेयजल, बिजली और जरूरी सामग्री की आपूर्ति पर भी ध्यान देना है। कंटेनमेंट क्षेत्र की गतिविधियों पर निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाना है। बैठक में बताया गया कि कंटेनमेंट क्षेत्र के लोगों के स्वास्थ्य पर निरंतर निगरानी रखना है। स्वास्थ्य जांच करने वाली टीम के प्रत्येक सदस्य के पास मास्क, ग्लब्स, केपए सेनेटाइजर होना चाहिए। बैठक में अधिकारियों से कहा गया कि रेड जोन से आने वाले व्यक्ति की तुरंत पहचान होना चाहिए।
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