बाढ़ एवं अतिवृष्टि की स्थिति से निपटने प्रशासन ने शुरू की तैयारी

बचाव व राहत कार्यों के लिए सतर्कं रहने के निर्देंश

<p>बाढ़ एवं अतिवृष्टि की स्थिति से निपटने प्रशासन ने शुरू की तैयारी</p>
बालाघाट. वर्षा ऋतु के दौरान अतिवृष्टि होने पर जिले के कई ग्रामों में बाढ़ की स्थिति बन जाती है। इसी परिप्रेक्ष्य में कलेक्टर दीपक आर्य की अध्यक्षता में अधिकारियों की बैठक आयोजित कर उन्हें जिले में बाढ़ एवं अतिवृष्टि की स्थिति निर्मित होने पर बचाव एवं राहत कार्यो के लिए सतर्क रहने तथा और इसके लिए सभी आवश्यक तैयारियां पहले से ही कर लेने के निर्देश दिए गए हंै।
बैठक में अपर कलेक्टर राघवेन्द्र सिंह, सहायक कलेक्टर अक्षय तेम्रावाल, सभी एसडीएम, तहसीलदार, खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी एसएच चौधरी, सिंचाई विभाग के कार्य पालन यंत्री सीएम शुक्ला, लोक निर्माण विभाग के कार्य पालन यंत्री आरपी ठाकरे, होमगार्ड के जिला कमांडेंट, जिला शिक्षा अधिकारी आरके लटारे, उप संचालक मत्स्योद्योग शशिप्रभा धुर्वे, महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी लीना चौधरी, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाए डॉ पीके अतुलकर, नपा सीएमओ दिनेश वाघमारे, स्वास्थ्य विभाग से डॉ तिडग़ाम एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
सजकता से करें कार्य
बैठक में राजस्व, ग्रामीण विकास एवं सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे बाढ़ की संभावना वाले ग्रामों को चिन्हित कर लें। बाढ़ की स्थिति निर्मित होने पर प्रभावित लोगों को ठहराने के लिए उंचे स्थल के भवन का चयन करने एवं बाढ़ की सूचना देने के लिए ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव एवं कोटवार से सतत सम्पर्क बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। प्रभावित लोगों को भोजन, उपचार आदि उपलब्ध कराने तथा साफ सफाई के लिए पहले से ही कार्य योजना बनाकर रखने कहा गया है। होमगार्ड एवं सिंचाई विभाग के अधिकारियों को मोटर बोट, नाव, तैराक, रस्से, सर्च लाईट, टार्च, करोसीन आदि की व्यवस्था पहले से ही कर लेने कहा गया है। होमगार्ड के कमांडेंट से कहा गया कि वे मोटर बोट एवं सर्च लाईट आदि की समय रहते मरम्मत करा लें और ये सामान लांजी एवं वारासिवनी के थानों में भी उपलब्ध करा दें।
भोजन पानी की रखें व्यवस्था
कलेक्टर आर्य ने अधिकारियों से कहा कि वे बाढ़ एवं अतिवृष्टि की स्थिति निर्मित होने पर प्रभावित लोगों के लिए चयनित उंचाई वाले स्थान पर तत्काल शिविर लगा दें और वहां पर ठहरे लोगों के लिए भोजन, स्वच्छ पेयजल, दवाए ंऔर साफ सफाई की व्यवस्था करें। भोजन की व्यवस्था के लिए निकटवर्ती उचित मूल्य दुकान से खाद्यान्न क्रेडिट पर प्राप्त कर लें। बाद में उसका भुगतान कर दिया जाएगा। शिविर में ठहरे प्रभावित लोगों के लिए भोजन तैयार करने का कार्य शाला के बच्चों के लिए भोजन तैयार करने वाले स्वयं सहायता समूह को सौंपें।
पड़ोसी जिले से बनाए संपर्क
सिंचाई विभाग के अधिकारियों से कहा गया है कि वे बड़े जलाशयों एवं तालाबों के जल स्तर पर पूरी निगरानी रखें। जलाशयों एवं तालाबों में मरम्मत आदि की आवश्यकता हो तो उसे पहले से ही दुरूस्त कर लें। सिवनी जिले के भीमगढ़ बांध, मंडला जिले के थावर बांध एवं गोंदिया जिले में बाघ नदी पर बने काली सरार व सिरपुर बांधों से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने की स्थिति में इसकी सूचना वहां के अधिकारियों से समय पर प्राप्त करने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों से कहा गया है कि वे इन पड़ोसी जिलों के अधिकारियों से सतत सम्पर्क बनाए रखें और सूचनाओं का आदान प्रदान करें। वैनगंगा नदी में पानी छोडऩे की सूचना गोंदिया एवं भंडारा जिले को पूर्व से ही देने के निर्देश भी दिए गए हैं। जिससे बाढ़ की स्थिति निर्मित होने पर वहां सतकर्ता बरती जा सके।
नदियों से १३५ गांव प्रभावित
बैठक में बताया गया कि खैरलांजी तहसील के 26 ग्राम चंदन, बावनथड़ी एवं वैनगंगा नदी की बाढ़ से प्रभावित होते है। वारासिवनी तहसील के 3 ग्राम, बालाघाट तहसील के 25 ग्राम, किरनापुर तहसील के 31 ग्राम, लांजी तहसील के 48 ग्राम तथा बैहर तहसील के 2 ग्राम बाढ़ से प्रभावित होते है। इस प्रकार जिले में बहने वाली वैनगंगा, बावनथड़ी, चंदन, बाघ, महकारी, मानकुंवर, घिसर्री, सोन, बड़ी बाघ, छोटी बाघ, देव व बंजर नदी में बाढ़ आने के कारण कुल 135 ग्राम प्रभावित होते है।
दूरभाष नंबर जारी
बैठक में बताया गया कि बाढ़ एवं अतिवृष्टि की स्थिति में गांव में पानी भरने की सूचना देने के लिए जिला स्तर पर एक कंट्रोल रूम बनाया गया है। इस कंट्रोल रूम के दूरभाष नम्बर 07632-240102 पर कोई भी व्यक्ति बाढ़ की स्थिति निर्मित होने पर सूचना दे सकता है। यह कंट्रोल रूम वर्षा काल में पूरे 24 घंटे कार्य करता रहेगा।
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