जहरीले सांप ने ली 3 जिंदगियां
परिजन के मुताबिक बुजुर्ग दाहिला मेश्राम और दोनों दिव्यांग रात में खाना खाकर जमीन पर ही बिस्तर कर सो रहे थे इसी दौरान अचानक रात को तीनों के चीखने की आवाज आई। चीखने की आवाज सुनकर मृतक दाहिजा की पत्नी नायवन्ता और उसकी बेटी आशा की नींद खुली तो उन्होंने देखा कि जमीन पर सो रहे तीनों लोग बुरी तरह तड़प रहे हैं। किसी जहरीले सांप के काटने की अंदेशा के चलते उन्होंने पहले तो पड़ोसियों को आवाज लगाई और फिर गांव में ही झाड़फूंक करने वाले एक ओझा को बुलवा लिया। काफी देर तक झाड़फू्ंक के बाद भी जब कोई फायदा नहीं हुआ तो डॉक्टर को बुलवाया लेकिन तब तक तीनों की मौत हो चुकी थी।
दिव्यांग थे दोनों बच्चे
मृतक की पत्नी नायवन्ता ने बताया कि पति के साथ सो रहे दोनों बच्चे उसके नाती थे और बचपन से ही दिव्यांग थे। बेटी आशा के साथ दोनों बच्चे बीते 5 साल से उनके साथ ही रहते थे। दिव्यांग बच्चे चल फिर भी नहीं पाते थे। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंचे और तीनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पोस्टमार्टम के बाद तीनों के शव परिजन को सौंप दिए गए हैं। घटना के बाद पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है।
झाड़फूंक के चक्कर में न फंसते हुए अगर वक्त पर तीनों को अस्पताल ले जाया जाता या फिर डॉक्टर को ही पहले बुलवा लिया जाता तो हो सकता था कि उनकी जान बच जाती।