महाराजा सुहेलदेव की कर्मभूमि चित्तौरा को भव्य पर्यटन स्थल बनाएगी योगी सरकार, सुभासपा ने साधा निशाना

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जल्द करेंगे शिलान्यास : मंत्री अनिल राजभर

<p>महाराजा सुहेलदेव की कर्मभूमि चित्तौरा को भव्य पर्यटन स्थल बनाएगी करेगी योगी सरकार</p>
बहराइच. अयोध्या के साथ ही उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार महाराजा सुहेलदेव की कर्मभूमि चित्तौरा को भव्य पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जल्द ही बहराइच जिले के चित्तौरा में स्थित राजा सुहेलदेव पर्यटन स्थल का शिलान्यास करेंगे। पर्यटन विभाग के अफसरों के साथ चित्तौरा आये जिले के प्रभारी मंत्री अनिल राजभर ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राजा सुहेलदेव पर्यटन स्थल का विकास बीजेपी सरकार की महात्वाकांक्षी योजनाओं में एक है। उन्होंने बताया कि अयोध्या में भूमि पूजन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराज सुहेलदेव को श्रद्धांजलि दी थी। महाराजा सुहेलदेव ने महमूद गजनवी के बहनोई सालार साहू के पुत्र सालार मसूद का सिर धड़ से अलग कर आततायी से हिंदू धर्म की रक्षा की थी। भाजपा सुहेलदेव को हिंदू धर्म के रक्षक के रूप में प्रचारित कर पासी, राजभर और कोरी समाज में अपनी पकड़ बनाना चाहती है।
उत्तर प्रदेश की करीब 20 फीसदी दलित आबादी में जाटव समाज की 65 फीसदी हिस्सेदारी है। इनमें करीब 16 प्रतिशत आबादी गैर जाटव, पासी और राजभर हैं। दलितों का वोट शुरुआत से ही मायावती के साथ है, लेकिन बीते एक दशक से यह वोटबैंक खासकर 16 फीसदी गैर जाटव, पासी और राजभर बिखरे हुए हैं। अब सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व योगी सरकार में मंत्री रहे ओम प्रकाश राजभर इस पर अपना दावा जताते हैं। बीजेपी की भी नजर इस पर है। ओम प्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से निष्कासित करने के बाद अनिल राजभर को मंत्रिमंडल में शामिल कर राजभर समुदाय पर पकड़ मजबूत रखी है। अब महाराजा सुहेलदेव के नाम पर चित्तौरा को पर्यटन स्थल बनाने की कवायद को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। हाल ही में अयोध्या में भूमि पूजन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराज सुहेलदेव को श्रद्धांजलि दी थी। लोकसभा चुनाव से पहले वह सुहेलदेव के नाम पर डाक टिकट भी जारी कर चुके हैं। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी महाराजा सुहेलदेव की जन्मस्थली पर बड़ी चुनावी रैली की थी।
सुहेलदेव के नाम पर राजनीति कर रही बीजेपी : सुभासपा
भारतीय जनता पार्टी महाराजा सुहेलदेव के नाम पर सिर्फ राजनीति कर रही है। जब ओम प्रकाश राजभर मंत्रिमंडल में थे, उन्होंने ही चित्तौरा के विकास के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा था। मेरी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग है कि चित्तौरा ही नहीं, सुहेलदेव के नाम पर जितने भी स्थान हैं, 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले सबका विकास कराए।- अरुण कुमार राजभर, राष्ट्रीय महासचिव, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी
महाराजा सुहेलदेव की कर्मभूमि चित्तौरा को भव्य पर्यटन स्थल बनाएगी करेगी योगी सरकार
कौन हैं महाराजा सुहेलदेव
इतिहासकारों के मुताबिक, श्रावस्ती नरेश राजा प्रसेनजित ने यूपी में बहराइच राज्य की स्थापना की थी। इसका प्रारंभिक नाम भरवाइच था। इन्हीं महाराजा प्रसेनजित के पुत्र थे सुहेलदेव। अवध गजेटियर के अनुसार इनका शासन काल 1027 ई. से 1077 तक था। वे पासी जाति के थे। सुहेलदेव का साम्राज्य गोरखपुर से सीतापुर तक फैला हुआ था। गोंडा, बहराइच, लखनऊ, बाराबंकी, उन्नाव व लखीमपुर इस राज्य की सीमा में आते थे। इन सभी जिलों में राजा सुहेल देव के सहयोगी करीब 21 पासी राजा राज्य करते थे। इसी काल क्रम में महमूद गजनवी ने भारत में अनेक राज्यों को लूटा तथा सोमनाथ सहित अनेक मंदिरों का विध्वंस किया। उसकी मृत्यु के बाद उसका बहनोई सालार साहू अपने पुत्र सालार मसूद, सैयद हुसेन गाजी, सैयद हुसेन खातिम जैसे कई अन्य साथियों को लेकर भारत आया। उसने बाराबंकी के सतरिख (सप्तऋषि आश्रम) पर कब्जा कर वहां अपनी छावनी बनायी। मसूद अपने सैनिकों के साथ बहराइच पहुंचा। उसने यहां की बालार्क मंदिर को तोडऩे की कोशिश की। लेकिन तत्कालीन राजा सुहेलदेव ने उसकी सवा लाख सेनाओं के साथ कुटिला नदी के तट पर जमकर संघर्ष किया। यहां सुहेलदेव की सेना ने आततायी का सिर धड़ से अलग कर दिया। और हिंदू धर्म की रक्षा की।
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