जिला अस्पताल परिसर में बिलखती इस मां की मासूम बच्ची अब इस दुनिया में नहीं। इसकी वजह है उन सरकारी डॉक्टरों की लापरवाही जिन्हें सरकार गरीबों का इलाज करने के लिए मोटी तनख्वाह देती हैं। आपको बता दें कि थाना रिसिया इलाके के लालपुर नीरामउ के रहने वाले शत्रुहन की 12 वर्षीय बेटी बुखार से पीड़ित थी आज जब बेटी का बुखार ज़्यादा बढ़ गया तो बेटी को जिला अस्पताल लाया गया। आरोप है कि जिला अस्पताल लाने पर यहां डॉक्टरों ने मासूम को देखना तक मुनासिब नहीं समझा। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल के स्टाफ ने 100 रुपये की मांग भी की थी जिसे ये गरीब परिवार नहीं दे पाया।
बुखार से तड़पती बच्ची की बिगड़ती हालत देख मां ने एक डॉक्टर से उसे देखने के लिए जब मिन्नतें की तो डॉक्टर साहब ने ये कहते हुए उसे झाड़ते हुए मना कर दिया कि मेरे पास वैसे भी बहुत सारे मरीज़ है किस किस को देखूं। ये सब होता रहा और अस्पताल कैंपस में मासूम ने इसी लेट लतीफी में अपनी मां की गोद में तड़प तड़प के दम तोड़ दिया। वहीं जैसे ही बच्ची की मौत की भनक अस्पताल प्रशसान के कानों में पहुंची तो अपना दामन बचाने की खातिर आनन फानन में प्राइवेट गाड़ी मंगवा कर बच्ची के शव को उसके परिजनों के साथ अस्पताल से उसके घर को भिजवा दिया। लेकिन इस मसले पर जिला अस्पताल के सीएमएस इलाज में लापरवाही की बात को पूरी तरह से खारिज कर रहे हैं।