थानाधिकारी रामधन सांडीवाल ने अनुसार पीडि़त कांस्टेबल राजेश निवासी रींगस ने शनिवार रात करीब दस बजे मामला दर्ज कराया कि शुक्रवार रात उसने ड्यूटी को लेकर थाने में तैनात हैड कांस्टेबल (एचएम) अमीचन्द गुर्जर को फोन किया तो उसे डिग्गी रोड पर स्थित बजरी माफिया मुकेश उर्फ गोगा के मकान पर बुलाया। वह पहुंचा तो हैड कांस्टेबल अमीचन्द, कांस्टेबल रामराज व बजरी माफिया मुकेश उर्फ गोगा शराब पार्टी कर रहे थे।
पीडि़त कांस्टेबल राजेश ने वहां अपने साथी संजय के नहीं मिलने पर जाने की बात कही तो अमीचंद ने रोक लिया और कहा कि तू हमारी रिकॉर्डिंग कर रहा है। इस पर अमीचंद, रामराज व मुकेश ने मिलकर मोबाइल छीनकर फॉर्मेट कर दिया। इसके बाद अमीचंद, रामराज व मुकेश ने मिलकर मारपीट की। अमीचंद उसकी गर्दन पर बैठ गया और रामराज और गोगा ने लात-घूसों से पीटा। अमीचंद ने उसके नाक वार घूंसा मारा जिससे खून बहने लगा। टी-शर्ट खून में सन गई और फर्श पर खून हो गया।
रिश्वत देने की बनाई रिकॉर्डिंग
पीडि़त कांस्टेबल का आरोप है कि तीनों आरोपियों ने उसे रिश्वत लेने के झूठे मामले में फंसाने के लिए रुपए उसकी तरफ फेंककर रिकॉर्डिंग बना ली और कहा कि अगर मारपीट की बात किसी को बताई तो रिकॉर्डिंग वायरल कर देंगे। इस दौरान आरोपियों ने उसकी खून में सनी टीशर्ट को खुलवा दिया और दूसरी टीशर्ट दे दी। इसके बाद उसे जान से मारने की नियत से सिर पर लाठी के बाद से वार किया। पीडि़त ने जैसे-तैसे बचाव किया और मौका पाकर तड़के करीब चार बजे वहां से भाग निकला।
अधिकारी बता रहे गलत फहमी
इस बारे में दूदू सीओ देवेन्द्र सिंह का कहना है कि गलत फहमी के चक्कर में मारपीट हुई। हैड कांस्टेबल व कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया है। घटना होने के बाद आरोपियों ने अपने बचाव के लिए पीडि़त कांस्टेबल के जेब करीब दो हजार रुपए भी डाले । तीनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया। जहां न्यायाधीश ने तीनों को जेल भेज दिया है। थानाप्रभारी रामधन सांडीवाल ने बताया कि मुकेश उर्फ गोगा के खिलाफ फागी थाने में तीन आपराधिक मामले दर्ज हैं। जिनमें आगजनी व मारपीट व छेडख़ानी के आरोप हैं।